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बदलाव की मिसाल बनीं महिलाएं ‘प्रेरणा अवार्ड’ से सम्मानित

नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)| गुजरात के सुदूर भुज में रहने वाली पाबी बेन रबाड़ी ऐसी महिला हैं जिन्होंने समाज में बदलाव की बयार ला दी है।

कल तक जहां इन इलाकों में महिलाएं घर से बाहर काम नहीं किया करती थीं वहीं पाबी ने न केवल अपना कदम घर से बाहर रखा बल्कि आजकल ग्रामीण महिलाओं को उद्यमी बनने के हुनर सिखा रही हैं। ऐसी ही मिसाल कायम करने वाली महिलाओं को स्नाइडर इलेक्ट्रिक ने प्रेरणा अवार्ड से सम्मानित किया। स्नाइडर इलेक्ट्रिक ने अपने वैश्विक इनोवेशन समिट में पथ-प्रदर्शक कार्यो के लिए तीन साहसी महिलाओं को प्रेरणा अवार्ड से नवाजा। तीनों महिलाओं ने अपनी उद्यमिता व नवाचारी कार्यो से समाज में बदलाव लाने की मिसाल कायम की है।

अवार्ड से सम्मानित पाबी बेन रबाड़ी गुजरात के भुज की रहने वाली हैं। वह ग्रामीण महिलाओं को उद्यमी बनने के हुनर सिखाती हैं। पाबी बेन ने बताया कि वह कक्षा चार तक पढ़ी हैं लेकिन वह ऑनलाइन पोर्टल पाबीबेन डॉटकॉम के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की हस्तकला से निर्मित वस्तुओं का व्यापार देश-विदेश में कर रही हैं। पाबी बेन के पति भी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन यह दंपति समाज में लोगों को बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

स्नाइडर ने दिव्यांग महिलाओं के जीवन में खुशियां लाने और उनके हुनर का इस्तेमाल कर तरह-तरह की चीजें बनाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के कार्य में जुटी लक्ष्मी मेनन को भी प्रेरणा अवार्ड से सम्मानित किया है। लक्ष्मी ने बताया, मेरा मानना है कि अगर आप किसी समस्या के समाधान में योगदान नहीं दे रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप खुद समस्या को बढ़ा रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक छोटा सा प्रयास है। मुझे उम्मीद है कि सीड पैन प्लास्टिक के खतरे से निपटने में हमारी मदद करेगा।

स्नाइडर के प्रेरणा अवार्ड से सम्मानित तीसरी महिला चिंग अपने शक्ति फाउंडेशन के माध्यम से मलिन बस्तियों में शिक्षा की अलख जगा रही हैं। वह महिला सशक्तीकरण की प्रबल पक्षधर है। जिंग दिल्ली की मलिन बस्तियों में बच्चों को पढ़ाती हैं। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि शिक्षा से ही समाज में समानता आ सकती है।

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