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क्या सीबीएफसी का कोई महत्व नहीं है : निर्देशक हरीश कुमार

नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)| फिल्म ‘मुजफ्फरनगर : द बर्निग लव’ के निर्देशक हरीश कुमार उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में अपनी फिल्म को रिलीज कराने को लेकर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को अधिकारियों से पूछा कि सेंसर बोर्ड से पास होने के बाद भी उनकी फिल्म की रिलीज में रोड़ा क्यों अटकाया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों से फिल्म को प्रदर्शित होने देने की गुजारिश की है।

साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों पर आधारित यह फिल्म 17 नंवबर को रिलीज हो गई। हरीश का कहना है कि मुजफ्फरनगर में जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद सिनेमाघरों ने उनकी फिल्म को नहीं प्रदर्शित करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, इस फिल्म को बनाने में और बाद में इसके प्रचार व विज्ञापन में काफी पैसा लगा है। हम नहीं जानते कि प्रबंधन को हमारी फिल्म से क्या समस्या है। हम उन्हें रिलीज के पहले फिल्म दिखाने के लिए तैयार हैं, लेकिन कोई भी सहयोग नहीं कर रहा है।

हरीश ने कहा, अगर सेंसर बोर्ड ने फिल्म को पास कर दिया है, तो फिर वे इस फैसले के खिलाफ क्यों हैं। क्या सीबीएफसी का कोई महत्व नहीं है? क्या निर्माताओं को फिल्म सबसे पहले सभी जिलाधिकारियों को दिखाकर रिलीज करनी चाहिए?

फिल्म को कानून-व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर रिलीज नहीं होने दिया जा रहा है।

फिल्म में ऐश्वर्या देवन, देव शर्मा और अनिल जॉर्ज खास भूमिकाओं में हैं।

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