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बिहार : मध्याह्न् भोजन हादसे की मुख्य आरोपी मीना को जमानत

पटना| पटना उच्च न्यायालय ने मध्याह्न् भोजन (मिड डे मील) से 23 बच्चों की मौत के मामले में निचली अदालत से सजा पाई स्कूल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना देवी को सोवार को जमानत दे दी।

यह हादसा सारण जिले के धर्मसती गंडामन स्कूल में 16 जुलाई, 2013 को हुआ था। पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति किशोर कुमार मंडल की खंडपीठ ने मीना देवी की जमानत याचिका पर सुनवाई की और फैसला सुनाया।

इस मामले में निचली अदालत ने मीना देवी को 17 साल कैद की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए पटना उच्च न्यायालय में अपील दायर की गई थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई।

बहुचर्चित मध्याह्न् भोजन हादसे के मामले में छपरा व्यवहार न्यायालय ने पिछले वर्ष अगस्त महीने में मीना देवी को भादवि की धारा 304 और 308 के तहत दोषी पाते हुए 17 साल की सजा सुनाई थी।

करीब चार साल पहले 16 जुलाई, 2013 को मशरक प्रखंड के धर्मसती गंडामन स्कूल में मध्याह्न् भोजन खाने के बाद 23 बच्चों की मौत हो गई थी। गंभीर रूप से बीमार रसोइया सहित 24 बच्चों का इलाज एक माह तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में चला था।

मध्याह्न् भोजन के लिए तेल मांगने पर प्रधानाध्यापिका ने रसोइये को कीटनाशक दवा का डिब्बा दे दिया था और विचित्र गंध आने की शिकायत के बावजूद उसने उसी तेल में खाना बनाने को कहा था।

इस हादसे में मृत छात्र आशीष के पिता अखिलानंद मिश्र के बयान पर धर्मसती गंडामन स्कूल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना देवी और उनके पति अर्जुन राय के खिलाफ मशरक थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

घटना के सात दिन बाद एसआईटी ने मीना देवी को गिरफ्तार कर लिया था। सरकार ने इस मामले में 30 जुलाई, 2013 को विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था।

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