अन्तर्राष्ट्रीय

इमरान की पाकिस्तानी पीएम शहबाज से अपील, पार्टी तोड़ लो लेकिन चुनाव तो करवाओ

नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इमरान खान ने कहा कि मौजूदा सरकार भले उनकी पार्टी तोड़ ले लेकिन चुनाव तो करवाए। बता दें कि हाल के दिनों में कई नेता पीटीआई छोड़ चुके हैं। इनमें पार्टी के कई बड़े नाम जैसे शिरीन माजरी, फवाद चौधरी, इमरान इस्माइल, आमिर महमूद कियानी, अली जैदी, मालीका बुखारी, नादिया अजीज, तारिक महमूद अल हसन, मलिक खुर्रम अली खान और जमशेद थॉमस आदि शामिल हैं। दरअसल इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद बीती 9 मई को भड़की हिंसा मामले में अब गिरफ्तारियां हो रही हैं। साथ ही पाकिस्तानी आर्मी गिरफ्तार लोगों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की तैयारी कर चुकी है। आर्मी एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा का प्रावधान है। यही वजह है कि डरकर कई नेता इमरान का साथ छोड़ रहे हैं और पार्टी खत्म होने के कगार पर पहुंच गई है।

इसी बीच पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया है कि खुफिया एजेंसियों ने फोन टैपिंग में एक बातचीत को उजागर किया है जिससे संकेत मिलता है कि इमरान खान की पार्टी कानून लागू करने वाले अधिकारियों को बदनाम करने की साजिश रच रही है। सनाउल्लाह ने शनिवार की रात संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि इस कदम का उद्देश्य कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अपराध में झूठा फंसाना और बाद में इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछालना था।

पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने अपने दावे में कहा है कि देश की एजेंसियों ने टैपिंग में एक बातचीत को उजागर किया है जिससे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) नेता के घर पर छापा मारने और बलात्कार का फर्जी मामला गढ़ने सहित साजिशों का खुलासा हुआ है। हालांकि, सनाउल्लाह ने अपने दावों के पक्ष में कोई सबूत नहीं दिया है।

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने रविवार को सनाउल्लाह पर पलटवार करते हुए कहा कि मंत्री साफ तौर पर मीडिया में आने वाली खबरों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। इमरान ने ट्वीट कर कहा कि अगर जेलों में महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर कोई संदेह था तो इस प्रमाणित अपराधी के इस संवाददाता सम्मेलन से ऐसी सभी शंकाएं दूर हो जानी चाहिए। इमरान ने आगे कहा कि शासन द्वारा महिलाओं के साथ कभी भी इतना दुर्व्यवहार और उत्पीड़न नहीं किया गया जितना कि इस फासीवादी सरकार द्वारा किया गया है. जब वे शांतिपूर्वक विरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर रही थीं।

आपको बता दें कि 9 मई की घटनाओं के बाद इमरान की पार्टी के 60 से अधिक नेता अलग हो गए हैं। पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख नेताओं में महासचिव असद उमर, वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी और पूर्व मंत्री शिरीन मजारी शामिल हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close