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उप्र: 14वीं राष्ट्रीय कुंगफू प्रतियोगिता का शानदार आगाज, 16 राज्यों के 400 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय कुंगफू संघ की तरफ से एक बार फिर प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया। 14वीं राष्ट्रीय कुंगफू प्रतियोगिता का आयोजन केडी सिंह बाबू स्टेडियम में किया गया।

लखनऊ। भारतीय कुंगफू संघ के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश कुंगफू संघ के द्वारा आज राष्ट्रीय कुंगफू प्रतियोगिता का आयोजन केडी सिंह बाबू स्टेडियम लखनऊ के बहुउद्देशीय हॉल में प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर विभिन्न 16 राज्यों की महिला-पुरुष, बालक-बालिका खिलाड़ियों के 400 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।

इस आशय की सूचना उत्तर प्रदेश कुंगफू संघ के महासचिव ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी। उनके अनुसार विभिन्न 16 राज्यों के महिला पुरुष खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में प्रभाविता कर रहे हैं जिसमें मणिपुर मिजोरम त्रिपुरा बिहार राजस्थान कर्नाटक केरला तमिलनाडु आंध्र प्रदेश उत्तराखंड दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश के 400 खिलाड़ी इस प्रतियोगिता में प्रतिभागीता कर रहे हैं।
इस प्रतियोगिता के पहले दिन के उद्घाटन समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि राजेश सिंह सीएमडी दयाल ग्रुप्स तथा गेस्ट आफ ऑनर के रुप में देश के विख्यात हॉकी ओलंपियन के डी सिंह बाबू के सुपुत्र विश्व विजय सिंह सीनियर वाइस प्रेसिडेंट रिलायंस जिओ के द्वारा दीप प्रज्वलन कर के कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कुंगफू

आज की पीढ़ी को अनुशासन और संस्कार की नितांत जरूरत
मशहूर समाजसेवी और दयाल ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ने खिलाडियों को सम्बोधित करते हुए अपने जीवन का सच्चा वृतांत बताया कि आज के बच्चों में अनुशासन और संस्कार की बहुत जरूरत है। साथ ही वे अभिभावक भी सचेत हो जाये जो मशीन की तरह काम करते हैं और बाद में पछताते हैं। वे इसके भुक्तभोगी हैं।

उन्होंने कहा कि फिल्में बनाई, बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाई। कालोनियां बनाई। जब बच्चे के साथ समय बिताने का समय आया तो ईश्वर ने बच्चे को छीन लिया। कुंगफू खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ी और अभिभावक को बहुत बहुत साधुवाद। जो भावी पीढ़ी को बचाने और आगे बढ़ाने के लिए समय दे रहे हैं। देश के अभिभावक अपने बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें। जिससे स्वस्थ राष्ट्र और अनुशाषित नागरिक बनाया जा सके। अपने पुत्र कुँवर यसार्थ की स्मृति में इस वर्ष से ट्रॉफी की शुरुआत की जा रही है।
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खेल ही बचा सकता है बच्चों को सोशल मीडिया की लत से

इस मौके पर हाकी के मशहूर खिलाड़ी बाबू के. डी सिंह के पुत्र और जियो के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट वी. वी. सिंह ने कहा कि अपने पिता के निधन के 34 वर्ष बाद वर्ष बाद इस स्टेडियम में आया हूँ। घर में खेल माहौल होने की वजह से इसका महत्व पता है। कुंगफू खेल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कि खेलों का जीवन में बहुत महत्व है। मौजूदा समय बच्चे सोशल मीडिया के शिकंजे में बुरी तरह से जकड़ गए हैं। इससे बच्चों के स्वस्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। इस अव्यवस्था को बढ़ाने में शिक्षा का बाजारीकरण का बहुत बड़ा हाथ है। पहले की शिक्षा बच्चों को काबिल और अनुशासित बनाती थी। अब इसके उलट हो रहा है।
कुंगफू
उन्होंने कहा कि बच्चों के खेलने के तमाम संसाधन वर्चुअल हो गए हैं, इसलिए फील्ड गेम और इंडोर गेम से बच्चों का रुझान कम हो रहा हैं। यह काफी खतरनाक है। ऐसे तमाम स्कूल, कालेजों को बंद करा देना चाहिए। जहां स्पोर्ट्स सुविधाएं नहीं हैं। मेरे मुताबिक यह क्राइम है। साथ ही इस तरह का क्राइम कर रहे स्कूल-कालेजों पर सरकार सख्त करवाई करे। साथ ही उन्होंने कहा कि कुंगफू की प्रतियोगिता में आकर सुखद अनुभूति हो रही है। सरकार इस खेल को बढ़ावा दे। जिससे स्वस्थ समाज का निर्माण हो सके।जिसकी आज नितांत आवश्यकता है। उन्होंने घोषणा कि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीम को एक लाख रुपए प्रदान किया जाएगा।

इस अवसर पर विभिन्न प्रांतों से आए हुए टीम के प्रशिक्षकों मैनेजर एवं निर्णयको न अपना परिचय मुख्य अतिथि को दिया तथा सिद्धार्थ लामा अध्यक्ष उमा नेपाल कुंगफू एसोसिएशन जो कि काठमांडू नेपाल से पधारे उनके नेतृत्व में अट्ठारह सदस्य अंतरराष्ट्रीय कुंगफू के निर्णायक मंडल ने अपना परिचय प्रस्तुत किया। इसके पश्चात अपार जनसमूह के समक्ष उपस्थित समस्त कुंग फू खिलाड़ियों ने बौद्ध महामंत्र ओम मणि पद्मे हम का समवेत स्वरों में याद किया और लोगों को अध्यात्म और एकाग्रता की ओर बढ़ने का संदेश दिया इस अवसर पर महासचिव उत्तर प्रदेश कुंगफू एसोसिएशन श्री ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी के द्वारा बताया गया कि 14 राष्ट्रीय कुंग फू प्रतियोगिता को विश्व सड़क दुर्घटना में मारे गए लोगों की स्मृति में इस 14 वीं राष्ट्रीय कुंगफू प्रतियोगिता को समर्पित किया गया है।

2005 में, संयुक्त राष्ट्र ने हर साल नवंबर में हर तीसरे रविवार को “सड़क यातायात चोटों के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए उचित स्वीकृति” के रूप में मनाए जाने वाले वैश्विक दिवस का समर्थन किया। हम उन लोगों के जीवन को याद करते हैं जो यातायात दुर्घटनाओं में मारे गए। मैं अनुरोध करता हूं कि सड़क हादसों में मरने वालों के लिए दो मिनट का मौन और मोमबत्तियां जलाएं, 20 नवंबर, 2022 को इंटरकॉन्टिनेंटल रोड ने कुंग-फू फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ मिलकर छात्रों और एथलीटों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया। ,

इंटरकांटिनेंटल रोड सेफ्टी प्रोब कन्फेडरेशन के सीईओ किरण समुद्रला ने कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों और विनियमों का पालन करके सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम है। सड़क सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण कारक यात्रियों, पैदल चलने वालों और ड्राइवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुशल और सतर्क ड्राइविंग की आवश्यकता है। यातायात दुर्घटनाओं से बचने के लिए बेहतर सड़क विकास भी जरूरी है। सड़क सुरक्षा जागरूकता केवल दुर्घटनाओं को रोकने के बारे में नहीं है, बल्कि वाहन को हथियार बनने से बचाने के बारे में भी है। जब कारों को जल्दी से यात्रा करने में सक्षम होने के लिए डिज़ाइन किया गया है, तो उनके दुर्घटनाग्रस्त होने की अधिक संभावना है। दुर्घटनाओं से बचने के लिए सावधानीपूर्वक ड्राइविंग आवश्यक है।

कुंग-फू फेडरेशन ऑफ इंडिया, तकनीकी निदेशक, ज्ञान प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि आज की दुनिया में यातायात दुर्घटनाएं आम हैं। हालांकि, जैसे-जैसे मोटर वाहन प्रौद्योगिकी में सुधार हुआ है, मृत्यु दर में नाटकीय रूप से कमी आई है। फिर भी, कई संभावित सड़क खतरे हैं जिनके परिणामस्वरूप चोट लग सकती है या मृत्यु भी हो सकती है।

सड़कों पर कई संभावित खतरे हैं, जिनमें खराब सड़क व्यवहार, खराब सड़क गतिशीलता, या यहां तक कि खराब बुनियादी ढांचे शामिल हैं। शराब पीकर वाहन चलाना, तेज गति से वाहन चलाना और सामान्य लापरवाह वाहन चलाना सभी यातायात दुर्घटनाओं में योगदान कर सकते हैं। हादसों से बचने के लिए चौराहों या चौराहों जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले ट्रैफिक संकेतों पर ध्यान देना जरूरी है। सड़क सुरक्षा महत्वपूर्ण है, और आपको अपने वाहन को सुरक्षित रखने के लिए उसका रखरखाव भी करना चाहिए। कई वाहन दुर्घटनाओं में टायर फटना इसका कारण हो सकता है।

कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों और एथलीटों ने यातायात नियम का पालन करने की शपथ ली और आकाश लालटेन को हवा में छोड़ा।

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