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हेल्‍थ इंश्‍योरेंस रखने वालो को मिलने वाला है बड़ा फायदा

Those holding health insurance are going to get a big benefit

आज कल किसी भी मेडिकल इमरजेंसी के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेना बेहद जरूरी कर दिया गया है। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान किसी भी खतरनाक बीमारी की वजह से होने वाले आर्थिक दबाव को कम करने में बहुत मददगार है। मोदी सरकार हेल्थ इंश्‍योरेंस को लेकर एक बड़ा ऐलान करने वाली है। हेल्थ इंश्योरेंस प्लान से आप कई लाभ उठा सकतें हैं।

अब हेल्‍थ इंश्‍योरेंस का भुगतान कर सकेंगें आसानी से

  • अब हेल्‍थ इंश्‍योरेंस रखने वालों को जल्द ही सरकार एक तोफा देगी जिसमें जिनके पास हेल्थ इंश्‍योरेंस है उन लोगो को बहुत जल्द प्रीमियम के किस्तों में भी भुगतान करने का ऑप्शन मिलेगा।
  • इससे आप हेल्‍थ इंश्‍योरेंस का भुगतान आसानी से कर सकेंगें।
  • अब आप मासिक, तिमाही और छमाही के अनुसार प्रीमियम जमा कर सकेंगे।
  • आपको बता दें की वर्तमान समय में प्रीमियम का केवल सालाना भुगतान ही किया जाता है।

बीमा नियामक इरडा ने जारी किया सर्कुलर

  • बीमा नियामक इरडा द्वारा प्रीमियम के भुगतान के बदले हुए नियम को लेकर एक सर्कुलर जारी कर दिया गया है।
  • इरडा ने जनरल और सिंगल हेल्‍थ इंश्‍योरेंस कंपनियों को भेजे गये सर्कुलर में ये बात कही है कि अनुमोदित व्यक्तिगत उत्पाद के अंतर्गत किस्तों में भुगतान करने की वजह से मूल प्रीमियम और शुल्क संरचना में बदलाव नहीं होना चाहिए।
  • सर्कुलर में आगे ये भी कहा गया है कि अब  प्रीमियम को भुगतान करने का प्रस्तावित तरीका मासिक , तिमाही या छमाही हो सकता है।

अधिक लचीलापन प्राप्त करने की लगा रखी उम्मीद

  • भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण ने इस कदम से इंश्‍योरेंस प्रोडक्‍ट पेश करने में अधिक लचीलापन प्राप्त करने की उम्मीद लगा रखी है।
  • इसके साथ , हेल्‍थ इंश्‍योरेंस बाज़ार की पहुंच में भी बढ़ोत्तरी होगी।

65 साल से ज्यादा के उम्र के लोग भी खरीद पाएंगें बीमा उत्पाद

  • इरडा के इस निर्णय का लाभ उन सभी व्यक्तियों को मिलेगा जो एकमुश्‍त प्रीमियम का भुगतान नहीं कर पातें हैं।
  • इसके साथ इरडा के सर्कुलर में यह भी कहा है कि अब हेल्‍थ इंश्‍योरेंस के नियमों में बदलाव होने से 65 साल से ज्यादा के उम्र के लोग भी बीमा उत्पाद खरीद पाएंगें।

स्टेकहोल्डर्स से लेनी होगी सहमति

  • साथ ही इरडा ने यह भी कहा है कि यदि कंपनियां चाहेंगी तो वो बिना प्रीमियम को बढ़ाकर अपनी किसी भी पॉलिसी में खतरनाक बीमारियों को जुड़वा सकतें है , जो कि पहले से पॉलिसी में शामिल नहीं की गयी हैं।
  • इसके लिए कंपनियों को सभी स्टेकहोल्डर्स से सहमति लेनी होगी।

 

 

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