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देश की सुरक्षा के लिए सीमा पार भी करेंगे : राजनाथ सिंह

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत भारत से कश्मीर नहीं छीन सकती है और जरूरत पड़ने पर देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सुरक्षा बल सीमा पार कर सकते हैं। राजनाथ सिंह ने सीएनएन न्यूज18 के ‘राइजिंग इंडिया समिट’ को संबोधित करते हुए कहा, “कश्मीर हमारा है, हमारा था और हमेशा हमारा रहेगा। कोई भी इसे हमसे नहीं ले सकता।”

उन्होंने देश की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के शौर्य की सराहना करते हुए पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, “हम न केवल भारत के आंतरिक हिस्से की सुरक्षा करते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर देश की सुरक्षा के लिए सीमा पार भी कर सकते हैं। किसी को भी इसे अन्यथा तौर पर नहीं लेना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत अच्छे संबंध चाहता है, बशर्ते वह आतंकवादियों की मदद करना बंद कर दे। राजनाथ ने कहा कि अब तो अमेरिका भी पाकिस्तान की निंदा कर रहा है। हम दोस्ती चाहते हैं, लेकिन उन्होंने हमारे दोस्ती के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी हाफिज सईद को मान्यता दे रहा है। सईद ने वहां राजनीतिक पार्टी गठित कर ली है और वह चुनाव में भाग लेना चाहता है।” गृहमंत्री ने कहा कि सरकार कश्मीर समस्या का स्थाई समाधान तलाशने के लिए उत्सुक है और किसी से भी बात करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए सरकार ने खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा को वार्ताकार नियुक्त किया है। इस संबंध में आगे बढ़ते हुए वार्ता के लिए सभी वर्गो के लोगों को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के बच्चे उनके लिए अपने बच्चे के समान हैं और कट्टरपंथ के नाम पर वह किसी को भी उन बच्चों को बहकाने नहीं देंगे।

राजनाथ ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से कहा है कि पहली बार पत्थरबाजी करने वाले लोगों को माफ कर दिया जाए।

साल 2018 की शुरुआत में जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने पत्थरबाजी के मामले में 9,730 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए थे, जिनमें पहली बार पथराव करने वाले भी शामिल थे। राजनाथ ने कहा कि पहली बार पथराव करने वालों को माफ कर दिया गया, क्योंकि वे किसी और के बहकावे में हो सकते हैं। वे छोटे हैं और उन्हें एक और मौके की जरूरत है।

गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक सहमति बनाने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को साथ लाने में सफल रहे हैं। राजनाथ ने नक्सलियों से निपटने के लिए भी सरकार के प्रयासों का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ जंग गोलियों से नहीं जीती जा सकती है, हम इस दिशा में कई तरह के विकास की पहल कर रहे हैं और उन इलाकों में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जो आजादी के बाद से अब तक अछूता है। राजनाथ ने कहा, “भारत के लिए नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है, लेकिन चार सालों में इस मामले में हमने बड़ी सफलता हासिल की है।”

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