उत्तर प्रदेशप्रदेश

फ़र्ज़ी डिग्री बनाने वाले गिरोह का हुआ भंडाफोड़ ,30 से ज्यादा एकाउंट अलग-अलग बैंकों में

दिल्ली ।दिल्ली पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है ।जहां पुलिस ने फ़र्ज़ी डिग्री बनाने वाले गिरोह को कब्ज़े में लिया है ।पुलिस इस गिरोह का लम्बे वक़्त से तलाश कर रही थी ।बदमाशों का ये गिरोह धरल्ले से फ़र्ज़ी डिग्रियों को बना कर युवाओं में बाट रहा था और इसके लिए काफी मोटी रकम वसूलते थे ।ये गैंग 10 हज़ार से लेकर एक लाख रुपये में 10वीं से लेकर एमबीबीएस की फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाता था। इस गैंग के बारे में पुलिस को तब पता चला जब एक शख्स ने इस गैंग के बारे में पुलिस को शिकायत दी।

दरअसल राजस्थान के रहने वाले एक शख्स ने  इस फर्जीवाड़े की शिकायत की। उस शख्स ने पुलिस को बताया कि उसने अपना सर्टिफिकेट बनवाया था। जब उसने पासपोर्ट के लिए अप्लाई किया और सर्टिफिकेट लगाया तो उसे पता चला कि वह फर्जी है।

शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। पुलिस को पता चला कि ये रैकेट दिल्ली के हरि नगर के एक फ्लैट से चल रहा है। पुलिस ने फ्लैट पर छापा मारा और यहां से पंकज नाम के शख्स को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब पंकज से पूछताछ शुरू की तो उसने बताया कि वह अकेला इस फर्जीवाड़े में शामिल नहीं है, बल्कि उसके गैंग में और भी मेंबर हैं। पंकज ने बताया कि ये काम ये गैंग पिछले तीन सालों से कर रहा है। यह गैंग तीन साल में तकरीबन 40 हज़ार फर्जी डिग्रियां बेच चुका है।

पंकज ने पूछताछ में खुलासा किया कि ये फर्जी डिग्रियां और मार्कशीट पंजाब में छापी जाती हैं। ये काम पवित्र सिंह नाम का शख्स करता था. इसके बाद पवित्र की तलाश शुरू की गई और उसे भी धरदबोचा गया।पवित्र सिंह ने पुलिस को बताया कि गोपाल कृष्ण नाम के एक शख्स की प्रिंटिंग प्रेस में ये मार्कशीट और डिग्री छापी जाती है। पुलिस ने फिर गोपाल के लिए जाल बिछाया और उसे भी गिरफ्तार कर लिया।

जांच में ये भी बात सामने आई कि इस गैंग के 30 से ज्यादा एकाउंट अलग-अलग बैंकों में हैं और ये गैंग इन तीन सालों में करोड़ों रुपए इस फर्जीवाड़े से कमा चुके है. . अब पुलिस इस गैंग के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है।

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