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आज रात कतई न देखें चांद, अगर देखा तो …

चांद, रात, खूबसूरत, भाद्र, गणेश पुराण, गणेश चतुर्थीगणेश चतुर्थी यानी आज की रात आकाश में दिखने वाला चांद बेहद खूबसूरत होगा, लेकिन इसे देखने की भूल न करें। आज रात चांद बस कुछ देर के लिए ही आकाश में नजर आएगा। चांद का दर्शन करना आपके लिए मुसीबत ला सकता है। यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि गणेश पुराण में ऐसा लिखा है। आइए जानते हैं चांद को आज रात देखना क्यों है मना ।

आज भाद्र महीने की शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस चतुर्थी के दिन गणेश भगवान ने चांद को शाप दिया था कि जो भी इस रात आपको देखेगा उसे कलंक लगेगा। गणेश पुराण में जिक्र आया है कि भगवान श्रीकृष्ण को भी एक बार भाद्र महीने की शुक्लपक्ष की चतुर्थी की रात चांद देखने के कारण कलंक
लगा था।

गणेश पुराण में ही कथा है कि गणेश जी के लंबोदर और गजमुख को देखकर चांद को हंसी आ गई। गणेश जी इससे नाराज को गए और चांद से कहा कि तुम्हें अपने रूप का अहंकार हो गया है इसलिए अब तुम्हारा क्षय हो जाएगा। जो भी तुम्हें देखेगा उसे कलंक लगेगा।

देवताओं के मनाने और चांद के क्षमा मंगाने पर गणेश जी ने कहा कि शाप पूरी तरह समाप्त नहीं होगा। इस शाप के कारण भाद्रशुक्ल चतुर्थी के दिन चांद को देखने वाले को कलंक का भागीदार बनना पडे़गा। लेकिन दो स्थिति में चांद को देखने से इस शाप का प्रभाव देखने वाले पर नहीं होगा।

जो लोग पूरे भाद्र महीने चांद को देखेंगे उन पर शाप का प्रभाव नहीं होगा और जो लोग हाथ में फल या दही कुछ भी लेकर चांद को देखेंगे उन्हें भी कंलक नहीं लगेगा। चांद को देखते समय इस मंत्र को पढ़ना चाहिए- सिहः प्रसेनमवधीत सिंहो जाम्बवता हतः । सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः

गणेश पुराण की अन्‍य कथा के अनुसार इस दिन भगवान गणेश किसी भक्‍त के यहां से भरपेट भोजन कर रात में लौट रहे थे। वह अपने वाहन चूहे पर सवार थे।

रास्‍ते में सामने से सांप आ गया। मूषक सांप के डर से गणेश जी को वहीं गिराकर भाग गया। यह नजारा देख रहे चांद को जोर से हंसी आ गई। गणेश ने चांद को खिल्‍ली उड़ाते देखा तो उसे दंड देने के लिए वह चांद के पीछे दौड़े। चांद डर के मारे अपने महल में छुप गया।

बदला लेने की नीयत से गणेश जी गेट पर खड़े होकर उसका इंतजार करने लगे, लेकिन चांद बाहर नहीं आया। चारों ओर कई रातों तक अंधेरा छाया तो देवता गण गणेश को मनाने आ गए। चांद ने गणेश जी से क्षमा मांगनी चाही लेकिन गजमुख ने उन्‍हें शाप दे दिया कि चूंकि तुम चोर की तरह महल में छुपे हो। इसलिए चतुर्थी के दिन चांद को देखने वाले पर चोरी का आरोप लगेगा।

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