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त्रिपुरा में प्रेमी के साथ भागने के बढ़ रहे ग्राफ

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अगरतला | त्रिपुरा में 2014 की तुलना में इस साल प्रेमी के साथ भागने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, जबकि महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई है। पुलिस प्रवक्ता उत्तम कुमार भौमिक ने मंगलवार को कहा, “इस साल (जनवरी से नवंबर) के 11 महीनों में प्रेमी के साथ भागने के कुल 106 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2014 में यह संख्या 93 थी।”
उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों में अधिकतर युवा लड़के और लड़कियां शामिल हैं, जिन्होंने माता-पिता की रजामंदी न होने पर भागकर शादी कर ली। उन्होंने कहा, “कई बार शादीशुदा महिलाएं भी विवाहित या अविवाहित पुरुषों के साथ चली गईं, जिसके कारण उनके परिजनों को पुलिस में मामला दर्ज कराना पड़ा।”
पुलिस अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के लिए बहु-आयामी रणनीति अपनाए जाने के बाद महिलाओं से संबंधित अपराध में काफी कमी आई है।
भौमिक के अनुसार इस वर्ष पहले ग्यारह महीनों में (नवंबर-जनवरी) महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामले में 2014 में इसी अवधि की तुलना में 16 फीसदी की कमी आई है। 2014 में दुष्कर्म के 225 मामले सामने आए थे, जबकि 2016 में यह संख्या 189 थी। दहेज संबंधित मौतों में भी 57.14 की कमी आई है। 2014 में यह संख्या 35 थी और 2016 में 15 है।
अधिकारी ने कहा, “दुनियाभर में कानूनी प्रक्रिया लागू करने में सामुदायिक पुलिस एक शक्तिशाली साधन साबित हुआ है। त्रिपुरा पुलिस ने समुदाय के लिए कानून प्रवर्तन सेवाओं में सुधार के लक्ष्य से मजबूत पुलिस-पब्लिक साझेदारी बनाने के लिए सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कुछ साल पहले कार्यक्रम ‘प्रयास’ शुरू किया था।”
त्रिपुरा में महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कई अन्य पहल भी की गईं हैं। इनमें राज्य भर में केवल महिलाओं के लिए सात पुलिस स्टेशन स्थापित करना, टोल फ्री महिला हेल्पलाइन 1091, महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों में जांच की करीबी से निगरानी और पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना शामिल हैं।
आईपीएस अधिकारी भौमिक ने कहा, “इन बहु आयामी कदमों के कारण राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आई है।”

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