प्रदेश

सरकार की 137 योजनाओं में डीबीटी के जरिए ट्रांसफर से पारदर्शिता के योगी सरकार ने नए आयाम स्थापित किए

लखनऊ। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) यानि कि लाभार्थी के बैंक खाते में सीधा पैसा डाले जाने की प्रक्रिया को पारदर्शी गवर्नेंस की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साढ़े चार सालों में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के बैंक खाते में रिकॉर्ड 2.75 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों की यूनिफॉर्म, किताबें और बैग आदि के लिए उनके अभिभावकों के खाते में 1980 करोड़ रुपए की कुल राशि ट्रांसफर की।

कुछ वर्षों पहले तक देश और प्रदेश में सब्सिडी के नाम पर जो लूट होती थी परन्तु अब उसे योगी सरकार ने डीबीटी के जरिए खत्म कर दिया है। प्रदेश विधानसभा के बीते बजट सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने डीबीटी का जिक्र करते हुए बताया था कि योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 56,000 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी है। इस प्रक्रिया में बिचौलिए खत्म हुए और भुगतान पारदर्शी हुआ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आने के तत्काल बाद से ही केंद्र द्वारा शुरु की गई डीबीटी योजना के जरिए लाभार्थियों के खातों में धनराशि भेजने को महत्व दिया। यहीं नहीं उनकी ही पहल पर राज्य में 27 विभागों की 137 योजनाओं को आनबोर्ड किया गया और डीबीटी के जरिए इन योजनाओं के लाभार्थियों के खाते में 2.75 लाख करोड़ रुपए की धनराशि भेजी गई।

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