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उत्तराखंड के चार जनपदों में हुई केमिकल मॉक ड्रिल, SDRF और CBRN टीम ने किया प्रतिभाग

उत्तराखंड में किसी भी CBRN जनित दुर्घटनाओं में रेस्क्यू दक्षता बढाने, CBRN की घातकता और विभीषिका को समझने और आपसी सामंजस्य मजबूत करने के लिए आज प्रदेश के चार जनपदों में (केमिकल बायलोजिकल रेडियोलॉजिकल, न्यूक्लियर) CBRN मॉक अभ्यास किया गया। SDRF की प्रशिक्षित टीम ने भी पहली बार CBRN मॉक अभ्यास में प्रतिभाग किया।

CBRN टीम का गठन

राज्य आपदा प्रतिवादन बल उत्तराखंड की माउंटेनियरिंग टीम एवम फ्लड टीम की तरह ही CBRN टीम का गठन किया जा रहा है। इस समय SDRF के 38 सदस्य CBRN रेस्कयू कार्यों में दक्ष एवम प्रशिक्षित है, शेष जवानों को भी व्यवहारिक प्रशिक्षण के दौरान बेसिक जानकारी दी गई है।

SDRF टीम ने रेस्कयू किया आरम्भ

आज सम्पन हुई मॉक ड्रिल के दौरान देहरादून में हिमालया ड्रग फेक्ट्री में प्रोपिन, हरिद्वार जनपद के बादराबाद में एलपीजी गैस, रुद्रपुर में प्रोपिन गैस एवम जनपद नैनीताल आईओसी प्लांट में तेल रिसाव की सूचना प्राप्त होने पर SDRF टीम ने रेस्कयू आरम्भ किया।

बैनर के माध्यम से सूचनाएं भी दी गई

अन्य आपदाओं की भांति CBRN का स्वरूप घातक एवम प्राणघातक होने पर सर्वप्रथम ऑब्जर्वर टीम को सम्पूर्ण सुरक्षात्मक किट के साथ भेजा गया और घायलों की संख्या, ट्राइज की जरूरत, रास्तों की जानकारी, शिल्डिंग की जानकारी जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी प्राप्त की उसके बाद कार्डन टीम द्वारा कार्डन कर रेड जॉन एवम यलो जॉन बना रेस्कयू आरम्भ किया, लाउड हीलर द्वारा आम जनमानस को शांति बनाने, मुँह को मास्क अथवा गीले तोलिये से ढकने, नो एंट्री जॉन में प्रवेश न करने सम्बन्धी जानकारी लगातार ही प्रेषित की गई, इसके साथ ही बैनर के माध्यम से भी सूचनाएं भी दी गई।

22 घायलों को सुरक्षित निकाला गया

Sdrf रेस्क्यूर द्वारा घायलों को रिलीव केम्प में पहुंचाया गया, फर्स्ट एड के उपरांत गम्भीर प्रभावित वर्करों को हायर सेंटर भेजा गया, रेस्कयू के दौरान देहरादून में 7, हरिद्वार में 5, नैनीताल में 2 एवम रुद्रपुर में 22 घायलों को सुरक्षित निकाला गया।

अनेक डिपार्टमेंटों ने किया प्रतिभाग

रेस्कयू के साथ ही Sdrf की अन्य टीम द्वारा शिल्डिंग की कार्यवाही को अंजाम देते हुए लीकेज प्वाइंट को बंद किया गया, सम्पूर्ण घटना क्रम में वायरलेस के साथ ही सेटेलाइट फोन का भी उपयोग किया गया, साथ ही SDRF महिला रेस्क्यूर द्वारा भी रेस्कयू किया मॉक अभ्यास के दौरान सिविल पुलिस, फायर जल, बिजली कर्मी, मेडिकल वर्कर, एवम फेक्ट्री कर्मियों ने भी सहयोगी की भूमिका निभाई, मॉक अभ्यास प्रदेश में अन्य स्थानों में भी मॉक अभ्यास किया गया। जिसमें ITBP, NDRF, सिविल डिफेंस, फायर, जैसे अनेक डिपार्टमेंटों ने प्रतिभाग कर, अपनी कमियों एवम मजबूती को समझा और परखा।

प्रथम CBRN मॉक अभ्यास

CBRN दुर्घटना आपदाओं का इतिहास हमेशा से ही बहुत ही विभत्सकारी और दुखद रहा है, क्लोरीन, प्रोपिन, MIC, जैसी अनेक केमिकल औद्योगिक क्षेत्रों में इतेमाल किये जाते है भविष्य में होने वाली किसी भी CBRN दुर्घटना की दिशा में राहत एवम बचाव कार्यों में गति लाने एवम मानव क्षति न्यूनीकरण की दिशा SDRF उत्तराखंड पुलिस द्वारा किया गया यह प्रथम CBRN मॉक अभ्यास था।

 

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