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हरिद्वार में 2021 कुंभ की तैयारी शुरू, दीवारों पर दिखेगा उत्तराखंड का इतिहास     

अब प्रयागराज कुंभ की तरह ही हरिद्वार पंहुचने वाले श्रद्धालू भी उतराखण्ड की संस्कृति से रूबरू हो सकेगें। हरिद्वार में गंगा से सटे हुए सभी आश्रम, अखाड़े, धर्मशालाओं, सरकारी और गैर सरकारी भवनों को कुंभ मेला प्रशासन पारंपरिक चित्रों से रंगवा रहा है।

इसके लिए कुंभ मेला प्रशासन ने दिल्ली से कलाकारों को बुलाया है। कलाकारों ने रंग का काम शुरु कर दिया है। 2021 महाकुंभ में हरिद्वार पंहुचने वाले श्रद्धालुओं को हरिद्वार पूरी तरह से उत्तराखंड की संस्कृति से रंगा हुआ दिखेगा।

चित्रकला के माध्यम से राज्य के इतिहास को दर्शाएंगे

अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह ने कहा है कि हरिद्वार स्थित सभी भवन और मठ मंदिर चित्रकला के माध्यम से राज्य के इतिहास को दर्शाएंगे। उनका कहना है कि इससे नगर की सुन्दरता तो बढ़ेगी ही साथ ही यहां के इतिहास को लोग कला के माध्यम से अच्छी तरह से जान पाएंगे।

दिल्ली से आई कलाकारों की टीम

दिल्ली से कलाकारों की टीम इस कार्य को करने के लिए हरिद्वार आ चुकी है। इस टीम की कलाकार भावना शर्मा का कहना है कि इस काम को लेकर वो काफी उत्साहित हैं और उन्होंने कहा कि उन्हें एक बेहतरीन प्लेटफ़ॉर्म मिला है जहाँ वह अपनी चित्रकला को प्रदर्शित कर सकती हैं।

सरकार और मेला प्रशासन दोनों के लिए ही एक बड़ी चुनौती

2021 में होने वाला कुंभ उत्तराखंड सरकार और मेला प्रशासन दोनों के लिए ही एक बड़ी चुनौती है। इसके लिए हर तरह की सुरक्षा और सुविधाओं की व्यवस्था तो की ही जा रही है इसके साथ ही हरिद्वार को नए रूप में परिवर्तित भी किया जा रहा है।

नया सा शहर

दीवारों को तो रंगीन बनाया ही जा रहा है साथ ही बिजली की लाइनें अंडरग्राउंड करने जैसे काम की शुरुआत की जा चुकी है। कुंभ में आने वालों को हरिद्वार बिलकुल नया सा शहर लगेगा।

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