मोदी का महागठबंधन पर तीखा हमला (राउंडअप)
नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को विपक्षी महागठबंधन को एक ‘विफल प्रयोग’ करार देते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि ये सभी राजनीतिक दल सिर्फ एक व्यक्ति को हराने के लिए एकजुट हो रहे हैं, ताकि एक ‘मजबूर’ सरकार बना सकें, जबकि देश एक ‘मजबूत’ सरकार चाहता है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी ने देश को अंधकार में धकेल दिया, बैंकों की हालत खराब कर दी और अयोध्या विवाद के शीघ्र न्यायिक समाधान में बाधाएं उत्पन्न की।
यहां रामलीला मैदान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद में अपने समापन भाषण में उन्होंने फिर से भाजपा की सत्ता में वापसी का राग अलापा और कहा कि उनकी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड ‘बेदाग’ रहा, उन्होंने सभी वर्गों के लिए ईमानदारी से काम किया, निराशा को समाप्त किया, लोगों में विश्वास बढ़ाया, विकास की गति को तेज किया और भारत का कद बढ़ाया।
सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून पर उन्होंने कहा कि यह केवल आरक्षण नहीं है, बल्कि यह देश के युवाओं को एक नया आयाम देगा।
प्रतिद्वंद्वियों पर अफवाह फैलाने और साजिश रचने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “हमें उनकी मंशाओं को नाकाम करना होगा।” विपक्ष का आरोप है कि नया आरक्षण एससी-एसटी और ओबीसी के लिए मौजूदा आरक्षण की कीमत पर होगा।
पार्टी कार्यकर्ताओं को आत्मसंतोष से सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव अकेले उनके भाषणों से नहीं, बल्कि भाजपा की कोशिश और ‘मेरा बूथ, सबसे मजबूत’ की परीक्षण पद्धति पर जीता जाएगा।
सम्मेलन में एक राजनीतिक संकल्प पारित किया गया, जिसमें महागठबंधन को एक ‘हास्य गठबंधन’ करार दिया गया। संकल्प में लोगों के सामने ‘स्थिरता व अस्थिरता’ के बीच, एक ईमानदार व साहसी नेता एवं एक नेतृत्वहीन मौकापरस्त सरकार के बीच और एक मजबूत सरकार व एक मजबूर सरकार के बीच विकल्प रखा गया।
विपक्षी दलों पर जमकर बरसते हुए मोदी ने कहा कि वे ‘स्वहित’ के लिए एकजुट हो रहे हैं, जबकि भाजपा नीत राजग सरकार राष्ट्रहित के लिए लड़ रही है।
राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाने वाले अधिकतर क्षेत्रीय दलों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, “इन दिनों महागठबंधन के प्रचार के लिए एक अभियान चल रहा है। महागठबंधन भारतीय राजनीतिक इतिहास का एक विफल प्रयोग है। वे राजनीतिक दल, जो एक जमाने में कांग्रेस के तौर-तरीकों को सही नहीं मानते थे, वे आज एकजुट हो रहे हैं।”
जिलास्तर से लेकर शीर्ष पदाधिकारियों सहित 12 हजार प्रतिनिधियों से उन्होंने कहा, “वे राजनीतिक दल एकजुट हो रहे हैं, जो कभी कांग्रेस के तौर तरीकों से सहमत नहीं थे। जब सबसे पुरानी पार्टी के बड़े-बड़े नेता जमानत पर हैं, तब ये दल कांग्रेस के सामने सरेंडर कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “वे दल (क्षेत्रीय पार्टियां) जो कांग्रेस के खिलाफ विकल्प के रूप में उभरे थे, उन्होंने लोगों के विश्वास और जनादेश के साथ धोखा किया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “जब ऐसे गठबंधन आकार लेते हैं, तो उन राज्यों की सरकारें राजनीतिक मजबूरियों के अंतर्गत कार्य करती हैं। कर्नाटक, मध्यप्रदेश और राजस्थान में हालिया घटनाक्रम इसके उदाहरण हैं।”
उन्होंने कहा, “कर्नाटक के मुख्यमंत्री (एच.डी.कुमारस्वामी) का कहना है कि वह मुख्यमंत्री की तरह नहीं, बल्कि एक क्लर्क की तरह कार्य कर रहे हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में सरकार को सहयोगियों द्वारा मामलों को वापस लेने या परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही है।” मोदी ने इन घटनाओं को महागठबंधन का ट्रेलर बताया।
मोदी ने कहा, “राजनीति, विचारधाराओं के आधार की जाती है और गठबंधन दृष्टिकोण के आधार पर बनते हैं, लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है, जब सभी एक व्यक्ति के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको समझने और लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि उनके इरादों के पीछे क्या है। उन्होंने ‘मजबूर’ सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया है, क्योंकि वे एक मजबूत सरकार नहीं देखना चाहते, जिसने सभी भ्रष्ट गतिविधियों को समाप्त कर दिया है।”
मोदी ने कहा, “वे अपने परिवार और रिश्तेदारों का भला करना चाहते हैं, जबकि देश एक मजबूत सरकार चाहता है, ताकि सभी का विकास हो सके। वे ऐसी सरकार चाहते हैं, जो रक्षा सौदों में दलाली कर सके, जबकि देश एक मजबूत सरकार चाहता है, जो सशस्त्र बलों की हर जरूरतें पूरी करे।”
मोदी ने लोगों को अपने प्रधान सेवक के चयन में सावधान रहने को कहा, जिन्होंने 18 घंटे अथक परिश्रम किया और कभी छुट्टी नहीं ली।
उन्होंने कहा, “यह पहली बार हुआ है कि सरकार पर किसी प्रकार के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। हमें गर्व है कि हमारा रिकॉर्ड बेदाग है।”
मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से कई जुबानी हमले किए। प्रधानमंत्री ने कहा, “उन्होंने उनसे मुलाकात की, जो भारत को तोड़ने की बात करते हैं। डोकलाम गतिरोध के दौरान उन्होंने चीनी राजदूत से मुलाकात की और सर्जिकल स्ट्राइक को खून की दलाली कहा।”
राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी का नाम लिए बगैर, नेशनल हेराल्ड मामले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस के प्रथम परिवार के सदस्य जमानत पर हैं और मामला 2012 का है, जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार थी।
मोदी ने कहा, “हम नामदार हैं, हम कैसे जा सकते हैं और हमसे सवाल कैसे पूछे जा सकते हैं। सच यह है कि उनको सच से समस्या है। वे क्या छिपा रहे हैं। मुझे नहीं मालूम। जमानत पर रह रहे लोग संस्थानों का सम्मान नहीं करते हैं तो वे देश को क्या सम्मान देंगे। उनको राजशाही में विश्वास है और हमें लोकशाही में।”
उन्होंने कहा, “क्या लोग ऐसा सेवक चाहते हैं, जो परिवार के सदस्यों को भड़काए, घर में चोरी करे, परिवार के सदस्यों के बीच तोहफे बांटे और पड़ोसियों से परिवार की बुराई करे, लंबी छुट्टी पर जाए या एक ऐसा सेवक जो रात-दिन काम करे, घर के मालिक से ज्यादा काम करे और हमेशा उनके कल्याण के बारे में सोचे।”
उन्होंने कहा, “आप फैसला करें कि आपको किस प्रकार का प्रधान सेवक चाहिए।”
झूठ पर आधारित गलत कहानियां गढ़ने को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और पिछले पांच वर्षो में उनकी सरकार के प्रदर्शन पर अगले लोकसभा चुनाव के लिए एजेंडा तय करेगी और उसका नियंत्रण करेगी।
उन्होंने कहा, “पिछली बार हमें 282 सीटें मिली थीं, इस बार हम उस आंकड़े को भी पार करेंगे।”