दून में भारी बारिश, जगह-जगह मलबा आने से सम्पर्क मार्ग कटे
– तबाह हुईं धनिया, अदरक और बींस की फसलें
– पंडितवाड़ी के कई घरों में हुआ जलभराव
देहरादून। बृहस्पतिवार रात और शुक्रवार पूरे दिन हुई बारिश से दर्जनों गांवों का संपर्क देहरादून से कट गया। कई मार्ग जहां बिल्कुल गायब हो गए, वहीं भूस्खलन ने कई मार्गों को पूरी तरह से बाधित कर दिया है। बारिश से खेती को भी नुकसान हुआ है। कई गांवों में नकदी फसल तबाह हो गई हैं। देहरादून मंडी आने वाले वाहन मार्गों में खड़े हैं और भूस्खलन की वजह से उनके जल्द आने की संभावना भी नहीं है। वहीं दून में लगातार हो रही बारिश से कई घरों में जलभराव की सूचना है।
मालदेवता से ऊपरी कई गांवों में सड़कें जहां सिरे से बह गईं, वहीं फसलों को भी नुकसान हुआ है। आवागमन बाधित होने से लोग परेशान हैं। साथ ही, सब्जियों के कई वाहन रास्ते में ही रुके हैं। फुलैत, क्यारा, सिल्ला, भैखरीखाल, जमठियाल गांव, भगद्वारीखाल के आगे का मार्ग पूरी तरह से तबाह हो गया है। नगर को इन गांवों से जोड़ने वाला यह एकमात्र मार्ग है। क्षेत्र के निवासियों ने बताया कि बारिश से मालदेवता के ऊपरी गांवों को काफी नुकसान हुआ है। कई जगह भूस्खलन हुआ है।
कई कुंतल मलबा मार्गों पर पड़ा है। क्यारा निवासी महादेव भट्ट और कुंदन सिंह रावत का कहना है कि अदरक, बींस, धनिया समेत तमाम नकदी फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों ने कुछ नगदी फसलें निकालकर रखी हुई थी। मूसलाधार बारिश से फसलों की तबाही हो गई। सिल्ला निवासी बृजमोहन नौटियाल का कहना है कि सिल्ला में भी मूसलाधार बारिश से नुकसान हुआ है। मदन लाल नौटियाल, सोहनलाल नौटियाल ने बताया कि अधिकतर किसान नकदी फसल उगाते हैं। अब वे माल देहरादून मंडी तक नहीं ले जा पा रहे हैं। तेज बारिश की वजह से भूस्खलन का खतरा भी बना हुआ है। फुलैत में खेत और रास्ते के साथ ही मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। मालूम हो कि इस पूरे क्षेत्र में एक तरफ ऊंची-ऊंची पहाड़ियां हैं तो दूसरी तरफ बांदल नदी। अधिकतर मार्ग भी बेहद संकरा है। ये गांव बुराशखंडा, धनौल्टी व सुवाखोली तक मिलते हैं।
बारिश से पंडितवाड़ी के कई घरों में जलभराव हो गया। इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पंडितवाड़ी के गरतावाला (सिद्धार्थ अपार्टमेंट) के सामने कालोनी में घरों में पानी भर गया। यहां के निवासियों का कहना है कि नाली बंद होने के कारण घरों में पानी भर जाता है। नगर निगम, सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग को चाहिए कि वे जल्द कार्यवाही कर जलभराव की समस्या से मुक्ति दिलाएं।