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सरकारी तौर पर उत्तराखंड में मनाया जाएगा हरेला पर्व

हरेला पर्व के दौरान इस वर्ष रोपित किए गए 1.67 लाख पौधे

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से धाद संस्था के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की। उन्होंने सीएम से प्रदेश में हरेला पर्व को सरकारी तौर पर आयोजित किए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ” हरेला पर्व प्रकृति से जुड़ा पर्व है। उत्तराखंड के लोग स्वाभाविक रूप से प्रकृति प्रेमी रहे हैं। हरेला के प्रति राज्य वासियों का स्वाभाविक लगाव है। हरेला पर्व के दौरान ही इस वर्ष रिस्पना व कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए रिस्पना क्षेत्र में 2.50 लाख और कोसी क्षेत्र में 1.67 लाख पौधों का रोपण किया गया।”

मुख्यमंत्री ने प्रदेश की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयासों के लिए धाद संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश में सामाजिक सरोकारों को बढ़ावा देने वाली संस्थाओं का स्वागत है। प्रकृति को महत्व देने की भी हमारी परम्परा रही है। प्रकृति के विभिन्न रूपों की हम पूजा करते है।

” हमारे लोकगीत तथा पर्व भी प्रकृति प्रेम व पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं। हमें प्रकृति संरक्षण, प्रेम की अपनी संस्कृति और उत्सवों को मनाए जाने की परंपरा को बनाए रखना होगा। इस अवसर पर संस्था के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री को हरेला का प्रतीक पौध भी भेंट किया।” सीएम रावत ने आगे कहा।

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