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कॉस्मेटिक्स बेचने वाली कंपनियों की मनमानी; ई-कॉमर्स साइट्स पर गोरा बनाने वाली क्रीमों में मिला रहे खतरनाक मर्करी

यदि आप गोरा होने के लिए किसी वेबसाइट से फेयरनेस क्रीम ऑर्डर कर इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। आपको इन क्रीमों से सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल, लोगों के मन में गोरा बनने भी भावना जगाकर ई-कामर्स साइट्स दुनियाभर में हाई मर्करी मिक्सड फेयरनेस क्रीम बेच रही हैं। जो की खतरनाक साबित हो सकता है।

पहले ऐसी क्रीमों से लोगों की स्किन को साइड इफेक्ट होने की शिकायतें आई थीं। इसके बाद मिनामाता कन्वेंशन ऑन मर्करी में कॉस्मेटिक्स में मर्करी की सीमा तय की गई थी। तब कहा गया था कि 1 किलो कॉस्मेटिक्स या क्रीम बनाने में अधिकतम 1 मिलीग्राम मर्करी का इस्तेमाल होगा। यानी कॉस्मेटिक्स में मर्करी का हिस्सा 10 लाखवां (पीपीएम) होगा।

लोग लगाने के बाद भी मनमानी
क्रीमों में मर्करी की लिमिट तय करने के साथ ही कंवेशन ने ज्यादा मर्करी वाले प्रोडक्शन के इंपोर्ट और एक्सपोर्ट पर भी रोक लगा दी थी। 2013 में कई देशों में तो क्रीम में मर्करी के यूज पर ही रोक लगा दी थी। लेकिन हाल ही में जीरो मर्करी वर्किंग ग्रुप की जांच में पाया गया कि करीब 47% स्किन क्रीम में मर्करी की मात्रा 10 हजार PPM से 50 हजार PPM तक हैं। यानी तय लिमिट से यह 10 हजार से 50 हजार गुना ज्यादा है।

जांच जीरो मर्करी ग्रुप की ओर से की गई। उसने 40 ई-कामर्स साइट पर एशिया, यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका के 17 देशों में बेचे जो रहे 271 तरह के स्किन फेयरनेस कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट के सैंपल लिए। इसमें 129 तो यूरोप के 16 देशों से लिए थे, जिनमें 30 वेबसाइट्स पर उच्च स्तर का मर्करी पाया गया। बता दें कि 55 से अधिक देशों के 110 से अधिक हेल्थ और पर्यावरण पर काम करने वाले NGO ने ई-कॉमर्स साइटों पर बेचे जा रहे उत्पादों पर सवाल उठाए है।

4 साल में करीब 45% बढ़ जाएगा कॉस्मेटिक मार्केट
फेयरनेस कॉस्मेटिक्स का दुनियाभर में फिलहाल 8 अरब डॉलर (करीब 61 हजार करोड़ रुपए) का बाजार है। एक रिपोर्ट के अनुसार अगले चार सालों में यह बाजार बढ़कर 11.8 अरब डॉलर(करीब 90 हजार करोड़ रुपए) का हो जाएगा। यानी इस मार्केट में करीब 45 फीसदी की ग्रोथ आ सकती है।

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