Main Slideउत्तराखंड

सख्ती के मोड में परिवहन निगम, अयोग्य ड्राइवर और कंडक्टरों पर गिरेगी गाज

देहरादून। राज्य परिवहन निगम अपनी बदहाल व्यवस्था सुधारने के लिए जोर शोर से जुट गई है। जिसके लिए वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। बता दें कि परिवहन निगम आए दिन रोज नए-नए फैसले ले रहा है। बीते दिन परिवहन निगम पहले ही 15 यातायात निरीक्षकों पर गाज गिरा चुका है। जिसके बाद अब 186 अक्षम चालक-परिचालकों के ऊपर निगम ने संकट खड़ा कर दिया है।

पिछले लंबे समय से 186 चालक-परिचालक अपनी ड्यूटी में अक्षमता दिखाये जाने के कारण लंबे समय से कार्यालय में ही जमे हुए हैं। जिस कारण परिवहन निगम की बसें आये दिन खड़ी रहती हैं। साथ ही बहुत बार नियमित रूटों पर भी नहीं चल पाती। इस तरह के चालक-परिचालक जो अक्षम होने का बहाना करके बसों पर ड्यूटी नहीं देते हैं। अब परिवहन निगम उन पर भी सख्ती करने वाला है।

इन सभी अक्षम चालक-परिचालकों और साथ ही दागियों की सेवानिवृत्ति की तैयारियां शुरू कर दी गई है। इसमें चालक-परिचालकों की उम्र 50 वर्ष रखी गई है। ऐसे में जितने भी दागी और अक्षम चालक परिचालक इस आयु सीमा के अंतर्गत आते हैं। वह परिवहन निगम की ओर से सेवानिवृत्त कर दिए जाएंगे।

निगम के प्रबंध निदेशक बीके संत ने कहा कि निगम पर आने वाले एक साथ करोड़ों रुपए के भार की भी अलग से व्यवस्था की जाएगी हालांकि इसका प्रस्ताव अभी मंजूर होना बाकी है। बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी परिवहन निगम में अक्षम चालक-परिचालकों को स्थाई रुप से मुक्त करने के आदेश दिए थे और कर्मचारियों का एकमुश्त भुगतान करके सेवामुक्त कर दिया गया था। उत्तराखंड परिवहन निगम इससे अलग हटता हुआ दिखाई दे रहा है।

पिछली 8 जुलाई को निगम द्वारा यह भी आदेश जारी कर दिया गया था कि जो कर्मचारी 50 साल से ऊपर हैं और चालन-परिचालन में अनफिट हैं, उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया जाए। वहीं अब सरकार के इस आदेश पर और यूपी हाईकोर्ट के फैसले को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम ने भी अब चालक-परिचालकों को सेवानिवृत्त देने की तैयारी कर ली है।

आपको बता दें कि वर्तमान में विभाग अक्षम चालक-परिचालकों पर निगम का 80 लाख रुपए प्रतिमाह खर्च कर रहा है। जबकि निगम अपनी गाड़ियां आउटसोर्सिंग और संविदा वाले चालक-परिचालकों से चलवा रहा है। ऐसे में अगर यह 186 चालक-परिचालक सेवानिवृत्त हो जाते हैं तो नए युवाओं के परिवहन निगम में रोजगार के रास्ते खुलेंगे। साथ ही निगम भी अपने अतिरिक्त भार से मुक्त होगा।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close