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अमेठी : शाह गिना रहे थे भाजपा सरकार की उप​लब्ध्यिां, सामने लग रहे थे योगी सरकार के लिखाफ नारे

अमेठी। जहां प्रधानमंत्री मोदी व अमित शाह के गढ़ गुजरात में जाकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बीते दिन भाजपा द्वारा कराए गए विकास का हिसाब मांगा था। वहीं मंगलवार यानि कांग्रेस के गढ़ में इसका हिसाब चुकता करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने करारा जवाब देते हुए केंद्र की 106 योजनाओं की लिस्ट दिखा कर वाह-वाही लूटनी चाही। लेकिन आंगनबाड़ियों के हुजूम ने योगी सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद कर भाजपा नेताओं के दावों पर जहां एक ओर बट्टा लगा दिया तो वहीं दूसरी ओर योगी के मंत्री और डीएम ने उन्हें चुप कराने के लिए काफी जोर आजमाईश करते रहे लेकिन उनका यह प्रयास असफल रहा।

कौहार में भाजपा के सजे मंच पर जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी को शहज़ादा तो कभी किसानों की ज़मीन कब्जा करने वाला और कभी ये दावा किया कि अमेठी में नेहरु-गांधी परिवार ने नहीं, मोदी सरकार ने विकास की बयार बहाई। इस पर लोगों ने कहकहा भी लगाया और तालियां भी पीटी लेकिन उस समय शाह के विकास के दावे खोखले नज़र आने लगे जब उनके मंच से क़रीब 40 मीटर दूर बाईं तरफ खड़ी सैकड़ों आंगनबाड़ियों ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए पोस्टर हाथों में उठा लिया।

ज्ञात हो कि वहां तैनात भाजपा के वॉलेन्टियरों ने आंगनबाड़ियों को धमकाना शुरू कर दिया। तब तक पुलिस भी उधर आ धमकी। उसने भी इन्हें इस हरकत से मना किया। बस इसके बाद तो पहले से भरी बैठी आंगनबाडियों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। फिर क्या था एक ओर अमित शाह का भाषण चल रहा था और दूसरी ओर आंगनबाड़ियों के नारे। वैसे राजनीति में माहिर भाजपा अध्यक्ष शाह ने इस विरोध को तुरंत भांपा और फिर इस शुरू हुए विरोध के 2 मिनट के बाद अपनी वाणी को विराम दिया और वहां से फौरन चले जाने में ही अपनी भलाई समझी। उनके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व उनके सभी मंत्री साथी भी चल पड़े।

उधर ये सभी हैलिपैड और गाड़ियों में जगह लेने के लिए गए तब इधर राज्यमंत्री सुरेश पासी और डीएम योगेश कुमार इनके पास पहुंचे। बड़ों की अनदेखी के बाद मंत्री और डीएम को पाकर आंगनबाड़ी बिफर गईं। उन्होंने सरकार के विरुद्ध नारे लगाने शुरू कर दिए। ‘हमारी मांगे पूरी हो, चाहे जो मजबूरी हो’। योगी तेरी तानाशाही नही चलेगी-नहीं चलेगी। इस तरीके के नारे क़रीब 15 मिनट तक लगे। आंगनबाड़ियों का कहना था कि सरकार में आने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी ने उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था लेकिन वह सब झूठ साबित हो रहा है।

वैसे इस मामले पर अमेठी के जिलाधिकारी योगेश कुमार का कहना था कि सरकार ने इसके लिए एक राज्य स्तरीय समिति बना दी है, उसके निर्णय आने के बाद ही फैसला हो पाएगा। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ियों के समस्त पत्रों को सरकार को भेजा जा चुका है फिर भी ये मानने को तैयार नहीं हैं।

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