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सहारा समूह की एंबी वैली की होगी नीलामी, हाईकोर्ट ने तय की 37,392 करोड़ रु कीमत

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने सुब्रत रॉय के स्वामित्व वाले सहारा समूह को झटका देते हुए सोमवार को महाराष्ट्र में एंबी वैली परियोजना की नीलामी का नोटिस जारी किया है। एंबी वैली परियोजना के आधिकारिक परिसमापक (ऑफिशियल लिक्विडेटर) ने इस नीलामी का आरक्षित मूल्य 37,392 करोड़ रुपये रखा है।

बता दें कि सहारा समूह ने कोर्ट से नीलामी रोकने और भुगतान योजना प्रस्तुत करने के लिए अधिक समय देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को सुब्रत रॉय को 1,500 करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया था, जोकि 24,000 करोड़ रुपए की कुल रकम का एक हिस्सा है, जिसे सहारा समूह ने दो कंपनियों के माध्यम से निवेशकों से जमा किए थे।

कोर्ट ने 1,500 करोड़ रुपए को 7 सितंबर तक जमा कराने का आदेश देते हुए सहारा से कहा कि बाकी के भुगतान को 18 महीने में करने की ठोस योजना प्रस्तुत करें, जैसा कि उन्होंने खुद चाहा। कोर्ट ने कहा था कि अगर सहारा की तरफ से 7 सितंबर तक वांछित रकम का भुगतान कर दिया जाता है, तो नीलामी की प्रक्रिया रोक दी जाएगी। सहारा को 7 सितंबर तक 1,500 करोड़ रुपए जमा कराने थे, जिसमें 15 जून को जमा कराई गई पिछली किस्त की बकाया 305 करोड़ रुपए की रकम भी शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल को बंबई हाईकोर्ट के आधिकारिक लिक्विडेटर से सहारा समूह की एंबी वैली संपत्ति की कीमत का अनुमान लगाने और नीलामी करने को कहा था। लिक्विडेटर ने इस संपत्ति का बाजार मूल्य 37,390 करोड़ रुपए से लेकर 43,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान लगाया।

सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 2007 और 2008 में वैकल्पिक रूप से पूरी तरह से परिवर्तनीय डिबेंचर के माध्यम से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के 31 अगस्त को दिए गए अपने आदेश में सहारा को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ यह रकम लौटाने का आदेश दिया था। कोर्ट किश्तों में समूह से पैसा वसूल कर रही है। सहारा ने अभी तक 16,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।

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