अन्तर्राष्ट्रीय

गर्भवती महिला का इलाज करने से डॉक्टर ने किया मना, बरामदे में हुआ प्रसव

एक ओर जहां मऊ में एक महिला के सड़क पर बच्चे को जन्म देने वाली खबर सामने आई वहीँ ओडिशा में गुरुवार को बरहमपुर के एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गर्भवती महिला की दुर्दशा देखने को मिली। डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है, लेकिन यहां उसी भगवान ने गुस्से के चलते एक गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती लेने से ही इन्कार कर दिया।

परिणाम यह हुआ कि प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला ने कुछ ही क्षण बाद अस्पताल के बरामदे में ही एक नवजात बच्ची को जन्म दिया।

जानकारी के मुताबिक प्रसव के लिए बरहमपुर एमकेसीजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल आई इंजीनियरिंग स्कूल चौक इलाके में रहने वाले चरण उठाण सिंह की पत्नी प्रमोदिनी (30) का कसूर बस इतना ही था कि प्रसव पीड़ा न होने से उसने डॉक्टर से घर जाने के बारे में कहा। डॉक्टर से अनुमति नहीं मिलने के बावजूद वह घर चली गई।

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गुरुवार को ही दुबारा प्रसव पीड़ा होने पर जब दोपहर करीब एक बजे पुन: महिला अपनी मां के साथ अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर उसे देखते ही भड़क गए और भर्ती लेने से इन्कार कर दिया। इसके बाद प्रमोदिनी को लेकर उसकी मां रूबीना बाहर आ गई। इसी समय अचानक प्रमोदिनी को जोर से पीड़ा हुई और वह बरामदे में ही बैठ गई। इसे देख अन्य किसी काम से बाहर निकली दो आशाकर्मी नमिता सेठी एवं गीता देवी ने उसका प्रसव कराया।

वहां उपस्थित लोगों ने डॉक्टर को बुलाया मगर कोई डॉक्टर वहां नहीं आया। इसके बाद एक नर्स ने शिशु कन्या की नाड़ी काटी। करीब आधे घंटे तक मां एवं नवजात कन्या बरामदे में छटपटाते रहे मगर न कोई डॉक्टर और न ही कोई कर्मचारी उसके पास आया।

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