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एयर इंडिया का निजीकरण राष्ट्र हित में नहीं

नई दिल्ली | मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को कहा कि एयर इंडिया का निजीकरण राष्ट्र हित के खिलाफ है। माकपा ने सरकार पर राष्ट्रीय संपत्ति घरेलू और विदेशी निजी कंपनियों को सौंपने का आरोप लगाया।

माकपा ने मोदी सरकार के राष्ट्रीय वाहक के निजीकरण के फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीति आयोग की सिफारिशों को स्वीकार किया है और एयर इंडिया और इसकी पांच सहायक कंपनियों के विनिवेश के लिए एक सैद्धांतिक समझौता किया है।

माकपा ने कहा, “यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब 2008 से लंबे समय से घाटे में चल रही एयरलाइन ने 2015-16 के लिए 105 करोड़ रुपये का संचालन मुनाफा प्राप्त करना शुरू किया है और इसका अनुमानित संचालन मुनाफा 2016-17 के लिए करीब 300 करोड़ रुपये है।”

माकपा ने कहा, “केंद्र में एक के बाद एक आने वाली सरकारों के गलत फैसलों ने एयर इंडिया को कर्ज के बोझ से दबा दिया। इसे अब बलि का बकरा बनाया जा रहा है और निजीकरण की मांग हो रही है।” पार्टी ने कहा, “एयर इंडिया का निजीकरण सार्वजनिक धन को बचाने के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय संपत्ति घरेलू व विदेशी निजी कंपनियों को सौंपने के लिए है, जिससे निजी कंपनियों को फायदा मिल सके।”

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