जीवनशैली

डिजाइनों की चोरी फैशन जगत का हिस्सा बन चुकी है : अनीता डोंगरे

नई दिल्ली| प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर जिन मौलिक डिजाइनों को रचते हैं, हू-ब-हू उसी डिजाइन के पोशाक आम बाजारों में देखे जा सकते हैं और कम कीमत में खुद को फैशनेबल बनाए रखने की इच्छा रखने वाले लोग इन चोरी की डिजाइनों वाले पोशाक खरीदते हैं।

ख्यातिलब्ध फैशन डिजाइनर अनीता डोंगरे का हालांकि मानना है कि फैशन जगत में डिजाइनों की चोरी आम बात है और लोगों को पता होता है कि मूल डिजाइनों की पहचान कैसे की जाए।

अपना फैशन ब्रांड ‘हाउस ऑफ अनीता डोंगरे लिमिटेड’ (एचओएडी) स्थापित कर चुकीं डोंगरे ने एक साक्षात्कार में कहा, “डिजाइनों की चोरी और नकल फैशन जगत का हिस्सा बन चुके हैं।”

उन्होंने कहा, “एक अच्छा डिजाइनर कभी नहीं चाहेगा कि किसी डिजाइन को दोहराया जाए, क्योंकि डिजिटल हो चुकी दुनिया सभी के पास हर तरह की जानकारियां रहती हैं।

नए विचारों और सफलता का कोई शॉर्ट कट (छोटा रास्ता) नहीं है और यह कई सालों से लगातार होता आ रहा है। अब जबकि डिजाइनों की चोरी या नकल फैशन जगत को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा रहा है, फैशन का सही जानकार असली-नकली में फर्क कर सकता है।”

एचओएडी लिमिटेड तीन विविध किस्मों के तीन अलग-अलग ब्रांडों का संचालन करती है। ये हैं महिलाओं के लिए समकालीन पश्चिमी पोशाक, उन्मुक्त, उत्साह से भरे युवाओं के लिए ग्लोबल देशी ब्रांड और अनीता डोंगरे के लेबल वाला असाधारण, वैवाहिक, फैशनेबल पोशाकों का ब्रांड।

इस लेबल में शामिल हैं पिंकसिटी, दस्तकारी जड़ाऊ आभूषण और हाल ही में शुरू किए गए प्रेट लेबल ग्रासरूट, जिसे भारती दस्तकारी परंपरा को समर्पित किया गया है और इसका उद्देश्य देश भर में प्रचलित परंपराओं को पुनर्जीवित करना, सतत बनाए रखना और सशक्त बनाना और लोकप्रिय समकालीन मिथकों के अनुरूप डिजाइन तैयार करना।

डोंगरे ने भारत दौरे पर आईं कैम्ब्रिज की रानी केट मिडलटन द्वारा पहनी गई प्रसिद्ध पोशाक डिजाइन की थी। डोंगरे दस्तकारों के साथ काम करने में अच्छा महसूस करती हैं।

उनके लिए, भारतीय फैशन सरकार द्वारा कि गई नई पहल जैसे मेक इन इंडिया और हथकरघा सप्ताह के माध्यम से सही दिशा में जा रहा है। जिन्होंने फैशन के बने रहने में बड़ा योगदान दिया है।

उन्होंने कहा, “भारतीय डिजाइनरों को और ज्यादा सहयोग की आवश्यकता है जो विश्व स्तर पर इसे बड़ा बनाने में मदद कर रहे हैं।”

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close