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सीएम धामी के खिलाफ निर्मला गहतोड़ी भरेंगी हुंकार, काफी सोच-विचार के बाद नाम हुआ फाइनल

चंपावत विधानसीट के उपचुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी से होगा। कांग्रेस ने शुक्रवार दोपहर अपने प्रत्याशी की घोषणा की। दोपहर राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक ने उनके नाम का पत्र जारी किया। चंपावत की पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला राज्य महिला सशक्तिकरण परिषद की उपाध्यक्ष भी रहीं हैं। हालांकि टिकट की दौड़ में पूर्व विधायक हेमेश खर्कवाल समेत चार लोग और भी थे।

प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने निर्मला को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह से गंभीर है। कांग्रेस जीत के लक्ष्य के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। माहरा ने कहा, ‘भाजपा सरकार का पिछले पांच साल और नए दो महीने का कार्यकाल भी बेहद निराशाजनक है। प्रदेश की जनता सभी का आंकलन कर रही है। उपचुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। जिस प्रकार खटीमा की जनता ने ऐतिहासिक फैसला दिया है, उसी प्रकार चंपावत की जनता भी एक मील का पत्थर स्थापित करेगी।’

धामी के लिए परीक्षा से कम नहीं है उपचुनाव

कांग्रेस ने सीएम धामी के खिलाफ महिला उम्मीदवार को उतारा है। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने संकेत दिए थे कि पार्टी शुक्रवार तक प्रत्याशी तय कर सकती है। चार मई को इसकी गजट अधिसूचना जारी कर दी गई है। चुनाव हारने के बाद सीएम धामी को बेशक एक बार फिर राज्य की कमान मिल गई है लेकिन उनके लिए उपचुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं है। सीएम बने रहने के लिए उनका उपचुनाव को जीतना जरूरी है। धामी के लिए चंपावत से जीते कैलाश गहतोड़ी ने अपनी सीट छोड़ दी थी।

आयोग ने तेज की तैयारी

चंपावत सीट पर उपचुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग एक्शन में है। आयोग ने यहां अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पोलिंग पार्टियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा सेक्टर मजिस्ट्रेट की भी नियुक्ति कर दी गई है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि 11 मई तक नामांकन किए जाएंगे। 31 मई को मतदान होगा और तीन जून को वोटों की गिनती की जाएगी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं।

जानें चंपावत का चुनावी इतिहास

चंपावत विधानसभा सीट पर 2002, 2017 और 2022 में बीजेपी को जीत मिली। हालांकि दो बार कांग्रेस के हेमेश खर्कवाल ने जीत का स्वाद चखा। वे 2002 और 2012 में यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वहीं 2007 में बीजेपी की बीना महाराणा यहां से विधायक चुनी गई थी। इसके बाद 2017 और 2022 में लगातार दो बार कैलाश गहतोड़ी विजयी बने।

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