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अज्ञात वाहन की टक्कर से घायल शख्स को रेस्क्यू मैन/ फूड मैन विशाल सिंह ने पहुंचाया अस्पताल

लखनऊ। गोसाईगंज अमेठी निवासी सतीश कुमार वर्मा सुल्तानपुर रोड एचएएल के पास से 15 दिसंबर रात नौ बजे अपने कार्य से जा रहे थे कि तभी उधर से गुजर रही एक गाड़ी उन्हें टक्कर मार कर निकल गई। इसक बाद वो काफी देर तक बुरी तरह से घायल, खून से लथपथ और बेहोश पड़े रहे लेकिन मौके पर मौजूद भारी भीड़ में मौजूद लोगों में से कोई भी मदद के लिए आगे नहीं बढ़ा।

इस बीच शहर के विभिन्न हस्पतालों में निःशक्त तीमारदारों को निःशुल्क भोजन सेवा व अन्य सेवा कार्य के चलते फ़ूडमैन व रेस्क्यू मैन के नाम से विख्यात विशाल सिंह अपनी पत्नी अंजलि सिंह एवं परिवारिक सदस्य स्तुति सिंह के साथ वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने भीड़ लगी देखकर अपनी गाड़ी रोकी। उन्होंने बुरी तरह से घायल आदमी को देखकर पहले तो अपने परिवार के लोगों को दूसरी गाड़ी से लोहिया लोहिया संस्थान पहुंचकर जरूरी व्यवस्था कराने को बोला। उसके बाद उस घायल आदमी को अपनी गाड़ी में बैठा कर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में पहुंचे और उसका इलाज कराया।

इस मामले में डॉक्टरों ने अपनी राय दी कि सही समय पर इलाज मिलने के कारण सतीश कुमार वर्मा पुत्र जगदीश प्रसाद मोहम्मदपुर घड़ी गोसाईगंज अमेठी की जान बच गयी। डाक्टरों के अनुसार एक्सीडेंट के मामलों में समय पर इलाज मिलना बहुत जरूरी है और इस मामले में एक-एक सेकंड कीमती रहता है। वहीं फ़ूडमैन व रेस्क्यू मैन विशाल सिंह (जो पहले भी कई बार रोड एक्सीडेंट मरीजों को अस्पताल पहुंचा कर उनकी जिंदगी बचा चुके हैं) ने बताया कि कई बार तो पुलिस वालों और परिवार वालों को यह समझाना मुश्किल हो जाता है कि यह एक्सीडेंट आपने नहीं किया है यह रोड एक्सीडेंट है। ऐसे मामलों में इस तरह की दिक्कतों का सामना अभी भी हमारे समाज में करना पड़ता है। उन्होंने ऐसे मामले में लोगों से आगे आकर मदद करने की अपील की।

उन्होंने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुसार पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने वाले आदमी को किसी भी तरह से परेशान नहीं किया जाएगा। बताते चले कि कोविड-19 के दौरान विशाल सिंह के द्वारा साढ़े 7 लाख से अधिक जरूरतमंद लोगों को भोजन व अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई गई। इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, भोजन आदि पीड़ितों को उपलब्ध कराया गया। विशाल सिंह ने सरकार द्वारा बनाए गए डीआरडीओ अस्पताल एवं हज हाउस में तीमारदारों एवं जरूरतमंदों को नि:शुल्क भोजन कराया। विशाल सिंह पिछले 14 वर्षों से लखनऊ के विभिन्न अस्पतालों में 1000 से अधिक जरूरतमंद लोगों को नि: शुल्क भोजन करा रहे हैं। उनके संगठन द्वारा मेडिकल कॉलेज में पांच आदर्श स्थाई रैन बसेरे बनाए गए हैं जिसमें लगभग 400 लोग आराम से रह कर अपने परिजनों का इलाज करा रहे हैं।

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