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अगर आपका है फिक्सड डिपॉजिट का अकाउंट तो जान लें इससे जुड़ीं ये जरूरी बातें

यूं तो बैंक में सेविंग स्कीम के कई आप्शन रहते है पर सभी तरह के सेविंग्स स्कीम्स में फिक्सड डिपॉजिट का आप्शन लोगों का सबसे ज्यादा निवेश किये जाने वाला पसंदीदा आप्शन होता है। बैंकों में पैसा बचत करने के लिये फिक्स्ड डिपॉजिट का ये आप्शन हर उम्र के लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि कई दूसरे आप्शन के मुकाबले यह सुरक्षित और सबसे कम रिस्क वाली स्कीम होती है।

फिक्सड डिपॉजिट में छोटी से लेकर लंबी अवधि के लिए भी निवेश कर सकते हैं।  जैसा की सब जानते हैं कि दो तरह से फिक्स्ड डिपाजिट किया जाता है। जिसमें से एक क्युमुलेटिव एफडी द्वारा और दूसरा नॉन-क्युमुलेटिव एफडी द्वारा होता है।  इसमें तिमाही और वार्षिक आधार पर ब्याज दिया जाता है। आप रेगुलर इंटरवल पर भी ब्याज का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

आप फिक्सड डिपॉजिट की सुविधा का लाभ किसी भी बैंक से लेकर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों में ले सकते हैं।  इनमें आप 7 दिन से लेकर 10 वर्ष तक के लिए निवेश कर सकते हैं। जानिये एफडी से जुड़े नियमों को, और टैक्स से सम्बंधित जानकारियों को जिनको ध्यान में रखते हुए आप आसानी से इस सेविंग स्कीम से फायदा उठा सकते हैं।

जानिए फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश द्वारा आपको किस तरह के  प्राप्त हो सकते हैं लाभ

  • फिक्सड डिपॉजिट में निवेश करना सबसे सुरक्षित विकल्प होता है।
  • आप इसमें जो मूल धन जमा करते हैं उसमें कोई रिस्क नहीं होता।
  • आपको तय की गयी अवधि में रिटर्न भी मिल जाता है।
  • इसमें निवेश किया गया मूल धन इसलिए सुरक्षित रहता है क्योंकि बाजार में होने वाले उतार—चढ़ाव का एफडी पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • इस स्कीम में आप मासिक ब्याज का फायदा उठा सकते हैं।
  • विशेष रूप से एफडी पर मिलने वाले ब्याज की दर ज्यादा होती है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो यह बहुत लाभदायक होता है क्यूंकि एफडी उन्हें सबसे अधिक रिटर्न देती है।
  • अगर आप एक बार किसी भी एफडी में निवेश कर देते है तो दोबारा निवेश नहीं करना पड़ता पर अगर निवेशक इससे अधिक डिपॉजिट करना चाहता है तो उसे एक अलग एफडी अकाउंट खोलना होगा।
  • एक बार एफडी फिक्स होने के बाद आप इसकी तय अवधि से पहले (मैच्योरिटी से पहले) पैसा नहीं निकाल सकते हैं। अगर मैच्योरिटी से पहले आप एफडी की रकम निकालना चाहते हैं तो आपको इसके लिए पेनाल्टी देना पड़ेगा।

जानिए एफडी पर टैक्स कटौती के नियम

  • फिक्सड डिपॉजिट पर 0 से 30 प्रतिशत तक टैक्स कटता है।
  • यह टैक्स निवेशक के इनकम टैक्स स्लैब के आधार पर काटा जाता है।
  • अगर आप एक साल में 10,000 रुपये से ज्यादा की कमाई करते हैं तो आपको अपने फिक्सड डिपॉजिट पर 10 प्रतिशत टैक्स देना होता है। इसके लिए आपको अपने पैन कार्ड की कॉपी जमा करनी होती है।
  • अगर आप अपना पैन कार्ड नहीं जमा करते हैं तो इसपर 20 प्रतिशत टीडीएस काटा जाता है।
  • अगर आप टैक्स कटौती से बचना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें अपने बैंक को फॉर्म 15ए सबमिट कर देना चाहिए। यह उन लोगों के लिए लागू किया जाता है जो किसी इनकम टैक्स स्लैब में नहीं आते हैं।
  • वहीँ वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स ​कटौती से बचने के लिए फॉर्म 15एच जमा कर देना चाहिए।
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