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कानपुर-लखनऊ के बीच जल्द दौड़ेगी रैपिड रेल, कम हो जाएगी दूरी, जानें फायदे और रूट

उत्तर प्रदेश के कानपूर और लखनऊ के बीच बहुत जल्द ही रैपिड रेल की शुरुआत की जा सकती है. इस रेल की शुरुआत होने से औद्योगिक और शहरी विकास को पंख लगने के साथ-साथ सफर में भी लोगों को सहूलियत मिलेगी. इस रैपिड रेल के धरातल पर उतरने से अमौसी एयरपोर्ट तक का सफर भी 40 से 50 मिनट में पूरा होगा. इस रेल योजना से कानपुर व लखनऊ के साथ उन्नाव को भी सीधा लाभ होगा. इतना ही नहीं, आस-पास के आधा दर्जन जिलों के लोग भी लाभान्वित होंगे.

कानपुर से लखनऊ के बीच रैपिड रेल को लेकर पहला प्रस्ताव 2015 में बना था और 21 जुलाई को फिर पत्र लिखने के बाद 31 अगस्त से पहले शासन स्तर पर मंथन होना है. इसके बाद इसको मंज़ूरी अगर मिलती है तो जल्द ही इसको धरातल पर लाने की कवायद तेज़ हो जाएगी, जिसे औद्योगिक और शहरी विकास के तौर पर एक अहम कदम के रूप में भी देखा जा रहा है.

क्या होगा रेल रूट

पूर्व में प्रस्तावित्र मानचित्र के अनुसार, प्राथमिक स्तर पर लखनऊ के अमौसी से बनी तक सड़क मार्ग के समानांतर, बनी से उन्नाव जैतीपुर तक नया मार्ग विकसित किया जाएगा. कानपुर-लखनऊ रेल ट्रैक के सामानांतर अजगैन, उन्नाव, मगरवारा होकर गंगा बैराज रैपिड रेल का अंतिम पड़ाव होगा.

क्या होंगे फायदे

-40 से 50 मिनट में कानपुर के लोग अमौसी हवाई अड्डा, लखनऊ पहुंच सकेंगे.
-महज़ दो घंटे में कन्नौज, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर के लोग जा सकेंगे लखनऊ, अभी लगते हैं चार से पांच घंटे.
-दो बड़े शहरों के बीच आधुनिक विकास को गति मिलेगी.
-20-25 शहरों को फायदा देने के लिए भविष्य में बुंदेलखंड से बढ़ा सकते हैं जुड़ाव.

रेल रूट से होगा औद्योगिक और शहरी विकास

-अमौसी से बनी तक लखनऊ जिले के अंतर्गत नियोजित विकास हो सकेगा.
-बनी से उन्नाव के जैतीपुर तक वेयर हाउस का विकास होगा.
-जैतीपुर से अजगैन तक उन्नाव जिले में औद्योगिक कारिडोर का विकास किया जा सकेगा.
-अजगैन से उन्नाव तक नियोजित आवासीय व वाणिज्यिक विकास को बल मिलेगा.
-उन्नाव से बैराज तक नियोजित आवासीय विकास आसान होगा.

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