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जिन लोगों को हैं ये बीमारियां,जानिए किस तरह रखें नवरात्र व्रत

भारत में नवरात्रि के पर्व में बहुत सारे लोग व्रत रखते हैं। उपवास रखने का निर्णय आप स्वयं लेते हैं पर डाय‍बिटीज और हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्या से परेशान लोगों को व्रत से जुड़ी कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी कठिनाइयों को जरूर ध्‍यान में रखना चाहिए।

जब शुगर की समस्या वाले व्यक्ति उपवास रखते हैं, तो उन्‍हें रोजाना की तुलना में व्रत के समय कई घंटों तक खाली पेट रहना पड़ता है जिसके कारण डायबिटीज वालों की शुगर कम हो जाती है, यह स्थिति घातक साबित हो सकती है। शुगर कम होने पर इसको आसानी से पहचाना जा सकता हैं। खास तौर से 70 mg/dl या इससे नीचे रक्‍त शर्करा आने पर कुछ लक्षण महसूस होने लगते हैं।

जैसे- अचानक पसीना आना, शरीर में कमजोरी या कंपन होना, दिल की धड़कनें तेज होना आदि।

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आइए जानते हैं डाय‍बिटीज और हाई ब्‍लड प्रेशर की समस्या से परेशान व्यक्ति किस तरह रखें नवरात्रि में उपवास

  • अगर आप सिर्फ संतुलित आहार और एक्सरसाइज से ब्‍लड शुगर को कंट्रोल में रखते हैं तो आप व्रत रख सकते हैं।
  • साथ ही में दवाओं से डायबिटीज कंट्रोल में रखतें है, तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए।
  • शुगर के मरीज जो सिर्फ मेटाफॉर्मिन दवा ले रहे हैं,  वह व्यक्ति उपवास कर सकते हैं,  पर सल्‍फोनिलयूरिया लेने वाले मरीज डॉक्‍टर से सलाह लेने के बाद ही उपवास रख सकतें हैं।
  • डायबिटीज और हाई ब्‍लड प्रेशर वालों को व्रत रखने से पहले डॉक्‍टर से परामर्श जरूर ले लेना चाहिए।
  • डॉक्‍टर आपकी दवाओं की खुराक में बदलाव कर सकते हैं। डॉक्‍टर के परामर्श के हिसाब से ही दवा लें।
  • डायबिटीज और हाई ब्‍लड प्रेशर वाले लोगो को नवरात्र के व्रत में तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्‍स, पापड़ और पूड़ी-कचौड़ी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि इन सभी चीजों में वसा और नमक की ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
  • हाई ब्‍लड प्रेशर वाले लोगो को नमक के बिना व्रत रखने से परहेज करना चाहिए। क्‍योंकि नौ दिनों तक नमक के बिना रहने की वजह से आप कमजोरी महसूस कर करेंगे। इस स्थिति में ब्‍लड प्रेशर के नार्मल से नीचे रहने का खतरा रहता है।
  • नवरात्र के समय बाजार में मिलने वाली नमकीन और चिप्‍स को न खाएं , क्‍योंकि इसमें नमक कम मात्रा में होता है।
  • जब डायबिटीज वाले व्रत रखते हैं तो डायबिटीज बढ़ने के साथ साथ डीहाइड्रेशन होने की समस्या बढ़ जाती है। इस स्थिति में तरल पदार्थ का सेवन करते रहना चाहिए।
  • डायबिटीज वालों को फल, बादाम, अखरोट और भुना हुआ मखाना रोजाना एक निश्चित अंतराल पर खातें रहना चाहिए।
  • डायबिटीज के वह मरीज जो दवा और इंसुलिन थेरेपी पर निर्भर हैं, उन्हें दिन में कम से कम तीन से चार बार ब्‍लड शुगर की जांच जरूर करा लेनी चाहिए।
  • आप ग्‍लूकोमीटर से उपवास के समय नियमित रूप से घर पर ही शुगर की जांच कर सकते हैं।
  • वह व्यक्ति जिनका ब्‍लड शुगर कंट्रोल नहीं किया जा सकता है और वह व्यक्ति जो इंसुलिन का इस्तेमाल करतें है और जिनको टाइप 1 डायबिटीज हो उन्हें उपवास नहीं रखना चाहिए।

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