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दिल्ली की लड़की ने बनाया अनोखा पैड, दोबारा किया जा सकता है इस्तेमाल

नई दिल्ली। 21वीं सदी में भी महिलाएं माहवारी पर खुलकर बात करने में बचती हैं। इस अहम मुद्दे पर अक्सर बात करना सभ्य समाज को अच्छा नहीं लगता, लेकिन इसी भीड़ में एक शख्स ऐसा भी है, जिसने सन 1990 के दशक में माहवारी पर लिपटे शर्म के चोले को उतार फेंकने से गुरेज नहीं किया। यह शख्स हैं केरल के अरुणाचलम मुरुगनाथम। अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन इन्हीं के जीवन से प्रेरित है। इस फिल्म के आने के बाद समाज में इस मुद्दे को लेकर लोगों में धारणा बदली है। इसी कड़ी में दिल्ली की 22 साल की लड़की बेहद सुर्खियों में है। दरअसल इस लड़की को पैडगर्ल के नाम से जाना जाता है।

पैडगर्ल सौम्या डाबरीवाल ने ऐसा सेनेटरी पैड तैयार किया है जो पर्यावरण हितैषी है और जिसका इस्तेमाल करने में बड़ी असानी है क्योंकि यह उपयोगी व सुरक्षित है, यह एक बार इस्तेमाल में लाया जाने वाला सामान्य पैड है। यह भी सबसे अहम बात है कि सौम्या समाज में महिलाओं और युवतियों को मुफ्त में यह पैड दे रही हैं। इतना ही वह अब तक 15 से 16 हजार पैड वह बांट चुकी हैं। सौम्या ब्रिटिश यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत लौटी है और वह अब गरीब और पिछड़े ग्रामीण परिवारों को इस जटिल मुद्दो पर महिलाओं को जागरूक करने में लगी हुई है।

सौम्या बताती है कि उन्होंने कुछ दोस्तों की मदद से प्रोजक्ट बाला शुरू किया और हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड व आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों का दौरा कर महिलाओं इस मुद्दे पर जागरूक करने में लग गई। उन्होंने आगे बताया कि पश्चिम बंगाल में माहवारी को लेकर अब भी गलत धारणा है। दरअसल वहां माहवारी के दौरान महिलाओं पर भूत-प्रेत का साया बताया जाता है। दूसरी ओर हरियाणा व राजस्थान जैसे राज्यों के गावों में महिलाओं को जमीन पर चटाई पर सोने पर मजबूर किया जाता है।

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