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ओवैसी को सेना का मुंहतोड़ जवाब, बोले-शहीदों का कोई धर्म नहीं

नई दिल्ली। असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू एवं कश्मीर में सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले में शहीद हुए मुसलमान सैनिकों सहित पांच कश्मीरी मुसलमानों के मारे जाने को लेकर जो सवाल उठाया था, उसके के बाद सियासी माहौल गर्म हो गया था। अब उनके बयान को लेकर सेना ने तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि शहीदों का कोई धर्म नहीं होता है। सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने ओवैसी का नाम लिए बगैर कहा कि हम शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देते।

जो लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं, वो सेना को अच्छे से नहीं जानते। इसके साथ सेना ने यह भी स्पष्ठï कर दिया है कि शहीदों को धर्म के चश्मे से ना देखा जाए, क्योंकि उनका कोई धर्म नहीं होता है।
लेफ्टिनेंट जनरल देवराज ने शहादत पर सियासत करने वालों को भी मुंह तोड़ जवाब दिया है और कहा है कि बढ़ते आतंकवाद के लिए सोशल मीडिया को भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि बढ़ते आतंकवाद के लिए सोशल मीडिया भी जिम्मेदार है।

यह बड़े पैमाने पर युवाओं को आकर्षित कर रहा है और हमें इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। साथ यह भी स्पष्ट किया कि जो भी देश के खिलाफ खड़ा होगा, वह आतंकी है और हम उससे सख्ती से निपटेंगे।

इससे पूर्व ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जम्मू एवं कश्मीर में सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले में शहीद हुए मुसलमान सैनिकों सहित पांच कश्मीरी मुसलमानों के मारे जाने का हवाला देते हुए मुसलमानों की देशभक्ति पर सवाल उठाने वालों की मंगलवार को आलोचना की और पूछा कि ऐसे लोग इस पर चुप क्यों है।

ओवैसी ने कहा, कि टेलीविजन पर हर रात नौ बजे मुसलमानों के राष्ट्रवाद पर सवाल उठाया जाता है और कश्मीरियों पर भी सवाल उठाया जाता है। उन्होंने कहा, “जम्मू में मारे गए सात लोगों में से पांच कश्मीरी मुसलमान थे। अब हर कोई उनकी मौत पर चुप क्यों है? इस पर ऐसी चुप्पी क्यों है? हैदराबाद के सांसद ने कहा कि जो लोग मुसलमानों की निष्ठा पर सवाल उठाते हैं और जो मुसलमानों को पाकिस्तानी कहते हैं, उन्हें इससे सबक लेना चहिए। ओवैसी ने सुंजुवान सैन्य शिविर पर आतंकवादी हमले में शहीद हुए छह जवानों और मारे गए एक नागरिक के संदर्भ में यह बात कही।

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