अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने पाकिस्तान को दी सबसे बड़ी चोट, वित्तीय मदद और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति रोकी

 

न्यूयॉर्क । पाकिस्तान  के खिलाफ बेहद कठोर कदम उठाते हुए अमेरिका ने घोषणा कि है कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली अधिकांश सुरक्षा मदद और सैन्य उपकरणों की आपूर्ति को रोक रहा है। अमेरिका का कहना है कि पाकिस्तान ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अन्य नेताओं से चेतावनियां मिलने के बावजूद आतंकवादियों को पनाह देना जारी रखा है।

विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नॉर्ट ने गुरुवार को कहा, हम पाकिस्तान को सैन्य उपकरणों की आपूर्ति या सुरक्षा से संबंधित वित्तीय मदद नहीं प्रदान करेंगे।

उन्होंने कहा कि रोक तब तक लागू रहेगी ‘जब तक पाकिस्तानी सरकार अफगानिस्तान के तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित आतकंवादी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करती है।’

नॉर्ट ने कहा कि पाकिस्तान का लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कोई कार्रवाई करने में विफल रहने का अमेरिका के इस कदम से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, जहां तक मुझे पता है, इस कार्रवाई का इस बात से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि गुरुवार की यह घोषणा अगस्त 2017 में ट्रंप प्रशासन द्वारा 25.5 करोड़ डॉलर की विदेशी सैन्य मदद पर रोक लगाने की अगली कड़ी है।

नॉर्ट ने हालांकि इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि इस बार कितनी सहायता रोकी गई है। रोक के तहत आने वाले सैन्य उपकरणों के प्रकार के बारे में पूछे जाने पर नॉर्ट ने कहा, मैं इस पर विशेष रूप से विस्तार से बात नहीं करने जा रही हूं। इससे जुड़ी काफी चीजें रक्षा विभाग के अंतर्गत आती है, इसलिए मेरे पास इस संबंध में विस्तृत जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा हितों या कानूनी रूप से जरूरी होने पर अपवाद के तौर पर कुछ रोक में ढील दी जा सकती है।

नॉर्ट ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करता है तो भविष्य में उसे यह धन वापस मिल सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को स्पष्ट किया जाता रहा है कि उसे क्या करने की जरूरत है। पाकिस्तान के साथ अमेरिकी सरकार निजी कूटनीतिक वार्ता में भी कई बार इस बारे में में बात करती रही है।

पाकिस्तान के खिलाफ एक और कार्रवाई करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने उसे (पाकिस्तान) धार्मिक स्वतंत्रता के गंभीर उल्लंघन के लिए विशेष निगरानी सूची में रख दिया है।

अफगानिस्तान में अपने सैनिकों को आपूर्ति भेजने के लिए अमेरिका, पाकिस्तान पर निर्भर है। एक अन्य संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका इस बात को लेकर चिंतित है कि पाकिस्तान अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान जाने के रास्ते को बंद कर सकता है, रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने कहा कि हमें इस तरह के कोई संकेत नहीं
मिले हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वह पाकिस्तानी सहायता में कटौती किए जाने के फैसले का समर्थन करते हैं तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। नॉर्ट ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादी नेटवर्क को बंद करने को लेकर पर्याप्त रूप से चेतावनी दी गई।

उन्होंने अगस्त 2017 में ट्रंप द्वारा दिए गए उस भाषण का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवादियों को पनाह देने के खिलाफ चेतावनी दी थी।

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