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योगी सरकार का ये फरमान, अब हिन्दू त्योहारों पर बन्द होंगे मदरसे

लखनऊ। यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान और स्वतंत्रता दिवस पर विडियोग्रफी जरूरी करने के बाद अब योगी सरकार ने मदरसों की छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया है। इस कैलेंडर में मुस्लिम त्योहारों की छुट्टियों को कम करके दूसरे धर्म के त्योहारों पर भी छुट्टियां जरूरी की हैं।

अभी तक उत्तर प्रदेश के मदरसे सिर्फ मुस्लिम त्योहारों के अलावा सिर्फ होली और आंबेडकर जयंति पर ही बंद रहते थे। इसके अलावा नए कैलेंडर में महावीर जयंति, बुद्ध पूर्णिमा, रक्षा बंधन, महानवमी, दिवाली, दशहरा और क्रिस्मस पर भी छुट्टियां जोड़ी गई हैं। साथ ही साथ 10 विवेकाधीन अवकाश जोड़े गए हैं। ईद उल जुहा और मुहर्रम की एक साथ होने वाली 10 छुट्टियों में से 4 छुट्टियां कम की गई हैं। ये छुट्टियां संचित नहीं की जा सकेगीं।

वहीं मदरसा के अधिकारी ने बताया कि वह इस प्रस्ताव से खुश नहीं हैं। इस्लामिक मदरसा मॉर्डनाइसेसन टीचर्स असोसिएशन के अध्यक्ष एजाज अहमद ने बताया कि मदरसे धार्मिक संस्थाएं होती हैं। उन्हें अल्पसंख्यकों के त्योहारों पर कई छुट्टियां चाहिए होती हैं। अगर दूसरे धर्म के त्योहारों पर छुट्टियां जोड़ी जाएं तो उन लोगों को कोई आपत्ति नहीं हैं लेकिन उन लोगों के त्योहारों पर होने वाली छुट्टियों को काटना ठीक नहीं है।

यूपी के नए कैलेंडर को देखें तो प्रदेश में 19, 213 मदरसा संचालित हो रही हैं। इन्हें दस दिनों का विशेष अवकाश मिलता है। ये अवकाश मदरसे में मुहर्रम, ईद उल जुहा और दूसरे त्योहारों में लेते हैं। 2018 के कैलेंडर में 4 विशेष छुट्टियां जोड़ी गई हैं। इनमें से दो मैनेजर और 2 छुट्टियां मदरसे के प्रधानाचार्य छात्रों को दे सकेगें।

यह सूचना जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को भी दे दी गई है। उन्हें सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर स्ततंत्रता दिवस पर और गणतंत्र दिवस पर मदरसों में पढ़ाई की जगह कार्यक्रमों का आयोजन सुनिश्चित करें। मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के फैसले साफ दिखा रहे हैं कि वे लोग अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं। अल्पसंख्यकों का शोषण करके सरकार मदरसों पर बोर्ड का नियंत्रण करना चाहती है।

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