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क्‍या बाबर GAY था! दावा–लड़के की याद में बनवाई थी ‘बाबरी मस्जिद’

 

25 साल पहले 6 दिसंबर,1992 को अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद के ढांचे को कार सेवकों ने ढहा दिया था। यह विवादास्‍पद मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

उधर इस बीच, बाबरी मस्जिद और उसके तथाकथित निर्माता और हिन्दुस्तान में मुगल शासन की स्थापना करने वाले मुगल शासक बाबर के समलैंगिक होने का दावा किया जा रहा है।

‘द हिन्दू’ में छपे जिया उस सलाम के लेख में दिलीप हीरो की किताब ‘बाबरनामा’ का हवाला दिया गया है। इसमें मुगल शासक बाबर के बारे में लिखा गया है, “वह पढ़ सकता था, वह लिख सकता था, वह प्यार कर सकता था, वह वासना कर सकता था और वह लड़ भी सकता था!”

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बता दें कि बाबर ने ही अपनी आत्मकथा ‘बाबरनामा’ लिखी थी जो उसके जिंदगी को उद्घाटित करता है। यह रचना चगतई भाषा में है जिसका अनुवाद बाद में कई विद्वानों ने किया था। दिलीप हीरो ने भी बाबरनामा का संक्षिप्त अनुवादित रूप ‘बाबरनामा’ लिखा था। इसमें एक जगह इसके संकेत भी दिए गए हैं कि बाबर कैसे युवा और किशोर लड़कों पर फि‍दा थे।

बाबर ने अपनी यादें ताजा करते हुए अपनी मातृभाषा तुर्की या पारसी में घटनाओं का विवरण लिखा है। बाबर ने खुद स्वीकार किया है कि वह बाबरी नाम के किशोर लड़के पर लट्टू था।

वह इस युवा लड़के के आकर्षण से इतना प्रभावित था कि उसने उसके लिए एक दोहा भी बनाया था, जो ऐसा था, “रहने की शक्ति ही नहीं थी, न ही भागने की शक्ति थी, मैंने तुम्हें जो बनाया, मेरे दिल का चोर हो गया।”

बता दें कि बाबर भले ही बाबरी नाम के लड़के के आकर्षण में पागल रहा हो, लेकिन उसकी कई बीवियां थीं और उनसे कई बच्चे भी थे। कई इतिहासकारों का भी मानना है कि बाबर समलैंगिक यानी गे था। शायद इसी वजह से उसने बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था।

हालांकि, बाबरी मस्जिद के इतिहास की मूल कहानी अनुवादों में लुप्त हो चुकी है और ऐसे में दोनों पक्ष अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं।

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