ढोल नगाड़ों के साथ निकाली गई शव यात्रा, पत्नी समेत बेटियों ने जमकर किया डांस
नई दिल्ली। आते जाते समय आपने देखा होगा कि लोग अंतिम यात्रा रो रहे हैं या गमगीन होंगे। पर क्या कभी आपने यह भी देखा है कि ढोल नगाड़ों के साथ किसी की अंतिम विदाई हो रही हो, शायद आपको हमारी बात पर विश्वास नहीं होगा पर यह सत्य है ऐसा नजारा दिल्ली-एनसीआर की सड़क पर दिखा।
सड़क पर ढोल नगाड़ों के साथ कुछ लड़कियां अपने पिता की अंतिम यात्रा लेकर जा रही थीं। नाचती-गाती लड़कियों को देखकर यूं लगा मानो कोई शव यात्रा नहीं, बारात जा रही हो। जब लोगों ने पास आकर देखा तो वह किसी की बारात नहीं, बल्कि किसी शख्स की अर्थी थी। इस तरह ढोल-नगाड़ों के साथ गुजरती अर्थी को देखकर लोग हैरान रह गए, क्योंकि किसी ने भी इस तरह से किसी की अतिंम यात्रा नहीं देखी है।
ये था कारण : लड़कियों से उनके पिता की अंतिम यात्रा में नाचने-गाने का कारण पूछा तो पता चला कि वह अंतिम यात्रा नोएडा के एक कारोबारी हरी भाई लालवानी की है। लड़कियों ने बताया कि उनके पिता की यही आखिरी इच्छा थी कि उनकी अंतिम यात्रा को उत्सव के रूप में मनाया जाए।
उनकी आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए ही उनकी पत्नी मधु लालवानी और उनकी चारों बेटियां अनिता लालवानी, दीप्ति लालवानी, रितिका लालवानी और यामिनी लालवानी नाचते-गाते अंतिम यात्रा लेकर जा रही थीं। यह अंतिम यात्रा सेक्टर-40 से निकली, जिसे पूरे सेक्टर में घुमाया गया। इसके बाद इस अंतिम यात्रा को सेक्टर-94 पर ले जाया गया।
कारोबारी हरीभाई की तबियत खराब होने की वजह से उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर पता चला कि उनके दिमाग में ब्लड जमा हुआ है। इसके बाद उनका ऑपरेशन किया गया। 9 नवंबर को रात 12 बजे उनकी मौत हो गई।