उत्तराखंड

जज्बे को सलाम : शहीद की बेटी जाएगी सेना में, पिता के शहादत की जगह चाहती है तैनाती

देहरादून। अपने मां—बाप का नाम रोशन करने के लिए हर लड़का—लड़की जी तोड़ मेहनत करता है। ऐसे में एक शहीद की बेटी ने दृढ़ संकल्प कर रखा है कि वह अपने पिता की शहादत का बदला लेगी। शहीद की बेटी का जज्बा देखिए, उसने पिता की शहादत का बदला लेने के लिए सेना को चुना है। वह सेना में भर्ती होकर उस जगह तैनाती चाहती है, जहां उसके पापा शहीद हुए थे। वह सेना में भर्ती होने के लिए जी तोड़ मेहनत में जुट गई है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि कर्नल अजय कोठियाल ने इस बेटी को सेना के लिए तैयार करने का बीड़ा उठाया है।

मूलरूप से चमोली जिले के गांव नाखोली (नारायणबगड़) के नरेन्द्र सिंह बिष्ट को उरी में पाकिस्तान की तरफ से हुई फायरिंग में गोली लग गई थी। इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था। शहीद नरेन्द्र भारतीय सेना की चौथी गढ़वाल राइफल्स में हवलदार थे। उनकी सबसे बड़ी बेटी नेहा बिष्ट ने सेना में भर्ती होने की ठानी है। नेहा सोमवार को यूथ फाउंडेशन की ओर से रायपुर में लड़कियों के लिए आयोजित भर्ती पूर्व प्रशिक्षण कैंप में पहुंची। यहां उसका प्रशिक्षण के लिए चयन हो गया है।

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य कर्नल अजय कोठियाल ने कहा कि नेहा में देश के प्रति काफी लगाव है उसमें देश सेवा का जज्बा है। नेहा अभी शारीरिक रूप से पूरी तरह सेना के लिए फिट नहीं है, लेकिन उसके जज्जे को देखते हुए यूथ फाउंडेशन से उसे पूरी तरह तैयार करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यूथ फाउंडेशन लड़कियों को सेना भर्ती के लिए तैयार कर रहा है। इसके लिए प्रदेश भर में चयन कैंप चल रहे हैं। 22 अक्तूबर से भगवान सिंह इंजीनियरिंग कॉलेज बालावाला में कैंप लगेगा। इसमें 350 लड़कियों को परीक्षा के लिए तैयार किया जाएगा।

वहीं आगे कर्नल अजय कोठियाल ने यह भी कहा कि यह पहला मौका है जब यूथ फाउंडेशन लड़कियों को सेना भर्ती के लिए प्रशिक्षित कर रहा है। इससे पहले गढ़वाल में युवाओं के लिए कैंप लगाए हैं, जो कई जगहों पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों के इस कैंप को देखने के लिए थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत भी 5 नवंबर को देहरादून आएंगे।

मां बढ़ा रही है बेटी का हौसला

नेहा सेना में भर्ती होकर अपने पिता की तरह देश सेवा करना चाहती हैं। यह उन्होंने बचपन से ही ठान रखा है। पिता के शहीद होने के बाद भी अपने निर्णय से पीछे नहीं हटीं। नेहा की मां आशा बिष्ट प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं। अपने पति को खो चुकी आशा देवी भी अपनी बेटी का हौसला बढ़ा रही हैं। नेहा की छोटी बहन 12वीं में पढ़ती है। इस वक्त उनका परिवार सेलाकुई में रहता है। बेटी के ऐसे जज्बे को देखकर नेहा की मां जरा भी चिंतित नहीं हैं न परेशान है बल्कि वो अपने बेटी का और हौसला बढ़ा रही हैं।

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