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राष्ट्र विरोधी ताकतें आर्थिक रुझानों को नहीं सराहेंगी : राजनाथ 

चेन्नई| केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार भारत को सबसे तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था करार देते हुए कहा कि कुछ ‘राष्ट्र विरोधी ताकतें’ दृष्टिगोचर आर्थिक प्रगति की सराहना नहीं कर सकती हैं। तमिलनाडु के अरककोणम में सीआईएसएफ के परिवीक्षार्थियों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि साइबर आतंकवाद एक बड़ा खतरा है।

उन्होंने सीआईएसएफ को प्रौद्योगिकी के लिहाज से उन्नत होने का आग्रह किया, ताकि वह इस मुद्दे का सामना करने के लिए खुद को आगे बढ़ा सके। सिंह ने राजग शासनकाल में अर्थव्यवस्था की स्थिति की आलोचना करने वालों के बारे में कहा, “भारत दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन कुछ राष्ट्र विरोधी ताकतें इन ²श्यमान आर्थिक रुझानों की सराहना नहीं कर सकती हैं।”

उन्होंने कहा कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) को आतंकवाद के खिलाफ अपनी क्षमता बनाए रखने की आवश्यकता है, ताकि देश के शीर्ष सामरिक प्रतिष्ठानों को कोई भी आतंकवादी समूह नुकसान नहीं पहुंचा सके।

उन्होंने कहा, “सीआईएसएफ को सभी महत्वपूर्ण इमारतों और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा का नियमित ऑडिट करना चाहिए। साइबर आतंकवाद से निपटने के लिए नियमित साइबर सुरक्षा ऑडिट करने और क्षमता बढ़ाने के लिए सीआईएसएफ में एक विशेष शाखा तैयार की जानी चाहिए।”

राजनाथ ने कहा, “सीआईएसएफ मुख्यालय को इन ऑडिट रपटों और नए प्रौद्योगिकी समाधानों को अपनाने के आधार पर अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत करना चाहिए।” मंत्री ने साइबर आतंकवाद को एक बड़ा खतरा बताया, जिसका कई देश सामना कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “साइबर आतंकवादियों ने महत्वपूर्ण संस्थानों, इमारतों और प्रतिष्ठानों पर हमले करने के लिए डिजिटल ट्रेक का इस्तेमाल किया है। सीआईएसएफ को प्रौद्योगिकी के लिहाज से अपग्रेड करने की जरूरत है, ताकि वह साइबर आतंकवाद की किसी भी घटना से निपट सके।”

केन्द्रीय सशस्त्र बलों में सीआईएसएफ के अंदर महिलाओं की सर्वाधिक संख्या बताते हुए सिंह ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यह महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का लक्ष्य हासिल करने वाला पहला बल होगा। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ की भूमिका को वैश्वीकरण और उदारीकरण में तेजी से वृद्धि के साथ विविधीकृत और विस्तारित किया गया है।

उन्होंने कहा, “सीआईएसएफ की भूमिका बहुआयामी और बेहद चुनौतीपूर्ण है। चुनौतियों के बावजूद, सीआईएसएफ के जवान और अधिकारी मुस्कान के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।”

अपनी प्रतिष्ठित और मेधावी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति से पुलिस पदक प्राप्त करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को बधाई देते हुए, सिंह ने उनसे आग्रह किया कि वे दूसरे सुरक्षाकर्मियों को तैयार करें, ताकि वे आतंकवाद, उग्रवाद के नए रूपों से उत्पन्न चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपट सकें।

उन्होंने प्रशिक्षण देने में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सीआईएसएफ के अधिकारियों और प्रशिक्षकों का आभार जताया। उन्होंने कहा, “वे लड़कों के रूप में शामिल हुए हैं और सैनिक के रूप में निकलेंगे।” सीआईएसएफ 1969 में अस्तित्व में आया था और यह आज देश की एक प्रमुख बहु-कुशल सुरक्षा एजेंसी बन गई है, जो विभिन्न क्षेत्रों में देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों, प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करती है।

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