उत्तराखंड

अफसोस! अन्य राज्यों के मुकाबले बढ़ा देवभूमि में बच्चों की मृत्यु दर का आंकड़ा

देहरादून। स्वास्थ्य के मामले में पूरे देश में लचर व्यवस्था है और इसके प्रति लोगों की जागरुकता भी कम है। 9 राज्यों में शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों के अनुपात में इस बार उत्तराखंड अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे आगे आया है। ज्ञात हो कि 9 राज्यों में शिशु मृत्यु दर के अनुपात को लेकर हुए सर्वे में उत्तराखंड में इस बार सबसे ज्यादा बच्चों की मौतें हुई हैं।

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवा और जागरुकता का अभाव होने के कारण लगातार नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो रही है। आए दिन अस्पतालों से लेकर घरों में सही उपचार न मिलने से कई नवजात जन्म लेने के बाद या फिर कोख में ही काल के गाल में समा रहे हैं। ऐसे में सरकार और स्वास्थ्य विभाग को शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। जिससे कि आगे दिन बच्चों की मौतों पर रोक लगाई जा सके।

अभी हाल ही में उत्तराखंड सहित 9 राज्यों में शिशु मृत्यु दर का अनुपात किया गया था। जिसमें उत्तराखंड का पिछले सालों के मुकाबले मृत्यु दर का अनुपात कुछ फ़ीसदी घटने के बजाय बढ़ा है। शिशु मृत्यु दर में बढ़ें ग्राफ को लेकर प्रदेश के डीजी हेल्थ का कहना है कि इस बार उत्तराखंड में शिशु मृत्यु दर के आंकड़े जरूर बढ़े हैं। जिनपर लगाम लगाने में वे सक्षम नहीं हो पाए हैं। पर हमारा तो मानना है कि सिर्फ ऐसे कह देने से काम नहीं चलेगा। बढ़ें हुए मृत्यु को कम करने के लिए स्वास्थ्य महकमें को कोई ठोस कदम उठाने चाहिए जिससे कि लोगों को जागरुक किया जा सके और शिशु मृत्यु के बढ़तें ग्राफ को कम किया जा सके।

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