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‘वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन अगले साल तक दोगुने होंगे’

नई दिल्ली, 20 सितम्बर (आईएएनएस)| पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव रितेश कुमार सिंह ने कहा कि मंत्रालय जल्द ही एक योजना लांच करेगी जिससे अगले साल तक वायु की गुणवत्ता की निगरानी करने वाले स्टेशनों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। इससे वायु गुणवत्ता की मापन के मानकों में भी सुधार होगा।

प्रॉस्पर्स की ओर से वायु प्रदूषण और वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में रितेश सिंह ने कहा कि मंत्रालय ने एयर क्वॉलिटी स्टैंडर्ड के बेंचमार्क के लिए 100 शहरों की पहचान की है और वहां अपना बेस्ट एक्शन प्लान लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। सिंह ने मंत्रालय की पहल ‘हरित दिवाली, स्वच्छ दिवाली’ के संबंध में भी सभी में मौजूद लोगों को सूचना दी। इस पहल के तहत हर दिन 200 बच्चे पर्यावरण भवन के कार्यालय परिसर में स्वच्छ पर्यावरण को बढ़ावा देने वाली कई गतिविधियों में भागीदारी करेंगे।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय दिवाली के दौरान वायु की गुणवत्ता के प्रति जागरूकता फैलाने में अत्यधिक गंभीर है। मंत्रालय जिला प्रशासन के समन्वय से दिवाली के दौरान आतिशबाजी के प्रदर्शन सीमित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाएगा।

प्रॉस्पर्स पीटीई. लिमिटेड और भारतीय प्रदूषण नियंत्रण असोसिएशन की ओर से वायु प्रदूषण के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की दूसरी सीरीज, एयर ओ थॉन में सोसाइटी फॉर इंडोर इनवॉयरमेंट की लॉन्चिंग पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव रितेश कुमार सिंह ने की। यह सोसाइटी इंडोर इनवॉयरमेंट क्वॉलिटी (आईईक्यू) पर तकनीकी ज्ञान मुहैया कराने का एक प्रमुख संसाधन है। इससे आईईक्यू को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने में कामयाबी हासिल हुई, राष्ट्रीय नीतियों पर प्रभाव पड़ा, आईईक्यू के नियमों और मानकों को स्थापित किया गया। इससे विभिन्न भागीदारों को एक कॉमन प्लेटफॉर्म पर लाने में कामयाबी हासिल हुई और सामूहिक रूप से समग्र समाधान विकसित किए गए।

पर्यावरण प्रबंधन सेंटर के अध्यक्ष डॉ. प्रसाद मोदक ने कहा, आज अंदरूनी और बाहरी वायु प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय है। भारत में इनडोर एयर क्वॉलिटी की न तो निगरानी की जाती है और न ही उनका नियमन किया जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए हमें भागीदार या स्टेकहोल्डर जैसा नजरिया अपनाना चाहिए, जिसमें वायु की गुणवत्ता के सुधार के लिए विचार-विमर्श या इसमें सक्रिय रूप से भागीदारी की जरूरत पड़ती है।

आईआईटी दिल्ली के प्रोफेयर डॉ. मुकेश खरे ने कहा कि द सोसाइटी ऑफ इंडोर एनवॉयरमेंट (एसआईई) एक शानदार शुरुआत है, जो हमें राष्ट्रीय स्तर का मंच मुहैया कराती है। इस मंच से इंडस्ट्री के तमाम स्टेक होल्डर्स या भागीदार भारत में इनडोर एयर क्वॉलिटी को सुधारने की दिशा में साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

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