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नीति आयोग हर तिमाही करेगा केंद्रशासित प्रदेशों में योजनाओं की समीक्षा

नई दिल्ली | नीति आयोग हर तिमाही केंद्र शासित प्रदेशों के प्रदर्शन की समीक्षा करेगा, जिसमें मुख्य जोर केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन पर होगा। यह प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी और अप्रैल से जून तिमाही का मूल्यांकन किया जाएगा। आयोग ने इसके लिए एक ऑनलाइन डैशबोर्ड शुरू करने की योजना बनाई है, जहां सभी केंद्रशासित प्रदेश अपने आंकड़ों को अपलोड करेंगे।

आयोग के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “हम केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करेंगे।” इसके तहत सभी केंद्र शासित प्रदेशों का मूल्यांकन किया जाएगा, चाहे वहां विधानसभा हो या न हो। दिल्ली और पुदुच्चेरी केंद्रशासित प्रदेश हैं, लेकिन वहां विधानसभा है।

अधिकारी ने कहा आयोग ने यह पहल प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर की है। सरकार ने साल 2015 के मार्च में आयोग द्वारा समन्वित मुख्यमंत्रियों के उप-समूह का गठन किया, जो ऐसी योजनाओं के सुव्यवस्थीकरण पर काम करेगा।  इस उप-समूह ने साल 2015 के अक्टूबर में अपनी रिपोर्ट दी थी, जिसके प्रमुख नीतिगत सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने साल 2016 के अगस्त में स्वीकार कर लिया। हालांकि केंद्र शासित प्रदेशों की कई व्यावहारिक चिंताएं अभी भी बनी हुई हैं।

मुख्यमंत्रियों के उपसमूह के साथ विचार-विमर्श के दौरान केंद्रशासित प्रदेशों ने मांग की थी चौथे वित्त आयोग की सिफारिशें उन पर लागू नहीं होतीं, इसलिए केंद्रीय योजनाओं का 100 फीसदी वित्त केंद्र सरकार को वहन करना चाहिए।  उपसमूह की रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्रशासित प्रदेशों को यह चुनने की आजादी दी जानी चाहिए कि किस क्षेत्र पर वे जोर देना चाहते हैं, जहां उन्होंने क्षमता की पहचान की है और वहां धन खर्च करने पर उन्हें लाभ की उम्मीद है।

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