अन्तर्राष्ट्रीय

बाजार आधिपत्य को लेकर ईयू ने गूगल पर लगाया प्रतिबंध

लंदन | यूरोपीय संघ (ईयू) ने गूगल पर उसके सर्च इंजन का दुरुपयोग कर अपनी नई खरीदारी सेवा को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उस पर 1.1 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है। समाचारपत्र ‘द गार्जियन’ के मुताबिक, यूरोपीय संघ के अधिकारी आगामी हफ्तों में बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी को उसके बाजार पर आधिपत्य जमाने का दोषी होने की घोषणा कर सकते हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है, “पिछले साल जुलाई में आयोग ने अपने उस विश्वास को फिर दोहराया कि सर्च इंजन ने खोज परिणाम पृष्ठों में व्यवस्थित रूप से इसकी तुलना खरीदारी सेवा के पक्ष में करते हुए अपनी प्रमुख स्थिति का दुरुपयोग किया था।”

पेरिस और बर्लिन के प्रमुख राजनेताओं और गूगल की प्रतिद्वंदी कंपनियां यूरोपीय आयोग की कंप्टीशन कमिश्नर माग्रेद वेस्टागर को सर्च इंजन गूगल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रोत्साहित कर रही थीं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि एकाधिकार की स्थिति के दुरुपयोग के लिए वित्तीय प्रतिबंध कंपनी की कुल राजस्व के अधिकतम 10 फीसदी पर लगाया गया है।

गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट पर पिछले साल 90 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया गया था, जो गूगल के खरीदारी राजस्व का 30 फीसदी जुर्माना माना गया। गूगल को यह मसौदा पेश करना होगा कि वह भविष्य में अपने खरीदारी व्यवसाय का निर्माण कैसे करना चाहता है और अगर वह ऐसा आयोग द्वारा निर्धारित समय में नहीं कर पाता है तो कंपनी को प्रत्येक दिन के औसत दैनिक कारोबार का पांच फीसदी जुर्माने के रूप में देना होगा।

जांच में यह भी सामने आया है कि गूगल ने गलत तरीके से अपनी वेबसाइटों से अपने प्रतिद्वंद्वियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसने इसके सर्च बार और विज्ञापनों का इस्तेमाल किया। यूरोपीय नियामक पूर्व में माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, एप्पल, फेसबुक और अमेजन के खिलाफ भी जांच कर चुके हैं, जिसके बाद यह दावा किया जाने लगा कि यूरोपीय संघ सिलिकॉन वैली के खिलाफ जंग छेड़ने की कोशिश कर रहा है, लेकिन आयोग ने इस दावे को सिरे से नकार दिया।

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