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विधानसभा सत्र : प्रश्नकाल के दौरान सदन में गूंजा कानून व्यवस्था का मुद्दा

लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भी विपक्ष ने प्रश्नकाल के दौरान राज्य में खराब कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया। इस मुद्दे को उठाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से विपक्षी दल के नेता रामगोविंद चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष से चर्चा कराने की मांग की, लेकिन उन्होंने चर्चा कराने से इनकार कर दिया।

विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न् 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, मथुरा में ज्वेलरी शोरूम में डकैती के दौरान हत्या का मामला सदन में गूंजा। विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि पहले सदन में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। दिनदहाड़े मथुरा में हत्या कर चार करोड़ रुपये लूट लिए गए, इससे बदतर स्थिति और क्या होगी?

इस सवाल पर विधानसभा के अध्यक्ष हदय नारायण दीक्षित ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद ही किसी विषय पर चर्चा हो सकती है। उन्होंने कहा, “पूरे प्रदेश की जनता आपको देख रही है। कल जिस तरह से विपक्ष का व्यवहार रहा, उससे जनता बहुत दुखी है।”

दीक्षित ने कहा कि नियम 311 के तहत चर्चा कराने का अनुरोध नहीं किया गया है। इसलिए वह इसे निरस्त करते हैं। इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकती।

रामगोविंद चौधरी के बयान पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार की तरफ से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से गंभीर है और जहां भी घटनाएं हो रही हैं, सरकार की तरफ से तुरंत कार्रवाई की जा रही है।

मथुरा के डकैती कांड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उत्तर प्रदेश में कानून का राज रहेगा। हमारे शासन में अपराधी के साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जाएगा। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।”

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश में अपराध में कमी आई है। अपराधियों से अपराधी जैसा ही व्यवहार हो रहा है। अब यहां पर कानून से खिलवाड़ नही हो सकेगा और न ही किसी को भी राजनीतिक संरक्षण मिलेगा।”

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