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भारतीय सिनेमा को बांटे नहीं : प्रियंका

नई दिल्ली | हर साल जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा होती है तो यह देखा जाता है कि हिंदी और क्षेत्रीय भाषा की फिल्मों में से किसने ज्यादा पुरस्कार जीते। अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का कहना है कि भारतीय फिल्म चाहे हिंदी सिनेमा की हो या क्षेत्रीय सिनेमा की हो, इनके बीच अंतर नहीं करना चहिए, क्योंकि आखिर हैं तो ये भारतीय ही। हाल ही में प्रियंका की मराठी फिल्म ‘वेंटीलेटर’ ने तीन राष्ट्रीय पुरस्कार जीते।
प्रियंका ने बताया, “मैं नकारात्मक सोच वाली इंसान नहीं हूं, मैं यह सोचना पसंद करूंगी कि आखिरकार क्षेत्रीय सिनेमा को वह श्रेय मिल रहा है, जिसका वह हकदार है, क्योंकि इससे बहुत सारे अविश्वसनीय कहानीकार और फिल्म निर्माता जुड़े हुए हैं और जैसा कि उन्हें मौका मिलता है और निर्माता उन्हें सहयोग देते हैं तो क्षेत्रीय सिनेमा को बढ़ावा मिलता है और बिल्कुल वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”
अभिनेत्री कहती हैं, “मुझे नहीं लगता कि दोनों के बीच कोई तुलना होनी चाहिए, क्योंकि हम भारतीय हैं और ये सारी फिल्में भारतीय हैं।”  उनके घरेलू बैनर ‘पर्पल पेबल पिक्चर्स’ के तले बनी भोजपुरी फिल्म ‘बम बम बोल रहा है काशी’ मराठी फिल्म ‘वेंटिलेटर’ और पंजाबी भाषा की फिल्म ‘सर्वनन’ ने अच्छा प्रदर्शन किया है। अब वह अपनी मां मधु चोपड़ा के साथ मिलकर हिंदी के अलावा सिक्किम की फिल्म ‘पहुना’, मराठी में ‘के रे रास्कला’ कोंकणी में ‘लिटिल जो, कहां हो?’, और दो बंगाली फिल्मों ‘ब्रिस्टिर ओपेख्याय’, व ‘बस स्टॉप के क्यू नेई’ का निर्माण कर रही हैं।
अभिनेत्री ने कहा, “कंपनी स्थापित करने का उनका उद्देशय क्षेत्रीय फिल्मों को अवसर प्रदान करना था..और हम यह कंटेंट और योग्यता के आधार पर करते हैं।” उन्होंने कहा कि सिक्किमी भाषा में उन्होंने फिल्म बनाने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि अब तक एक भी फिल्म सिक्किम में नहीं बनी है।  एक युवा निर्माता के रूप में प्रियंका प्रशंसा पाकर उत्साहित हो

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