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श्रीलंकाई जलसीमा में भारतीय मछुआरे की हत्या, भारत ने विरोध जताया

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चेन्नई/नई दिल्ली/कोलंबो | तमिलनाडु के एक मछुआरे को श्रीलंकाई जलसीमा में गोली मार दी गई, लेकिन श्रीलंका की नौसेना ने मंगलवार को इस घटना में अपनी संप्लिता का खंडन किया। भारत ने सोमवार की रात हुई इस घटना को लेकर ‘गहरी चिंता’ जाहिर की है। इसे लेकर श्रीलंका ने विस्तृत जांच का वादा किया है। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि रामनाथपुरम जिले के थंगाचीमदम में कच्छाथीवू द्वीप के पास छह मछुआरों द्वारा मछली पकड़ने के दौरान उन पर गोली चलाई गई। तमिलनाडु के एक अधिकारी ने कहा कि कथित तौर पर श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गोली चलाए जाने पर मछुआरे के. ब्रिटसो (22) की मौत हो गई और एक अन्य भारतीय मछुआरा घायल हो गया।
कच्छाथीवू द्वीप दोनों देशों को बांटने वाले संकरे पाक जलडमरूमध्य समुद्री भाग में स्थित है। इस द्वीप के निकट समुद्री क्षेत्र जलीय जीवों से समृद्ध है। इससे भारतीय और श्रीलंकाई मछुआरों के बीच झड़प होती रहती है। सैकड़ों मछुआरों ने हमले के खिलाफ तमिलनाडु के रामेश्वरम में धरना शुरू किया है, वे हत्या के लिए श्रीलंकाई नौसेना को जिम्मेदार मान रहे हैं।
भारत द्वारा मामले को सर्वोच्च स्तर पर उठाए जाने पर श्रीलंका ने मामले की पूर्ण व गहन जांच का वादा किया। श्रीलंकाई नौसेना ने इसमें शामिल होने से इनकार किया। श्रीलंकाई नौसेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कमांडर चामिंडा वालकुलुगे ने कोलंबो में कहा कि नौसेना कर्मियों को भारतीय मछुआरों पर गोली चलाने का आदेश नहीं दिया गया है। नौसेना कर्मियों को भारतीय मछुआरों के श्रीलंकाई जल सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने पर सिर्फ गिरफ्तारी का आदेश है।
श्रीलंकाई नौसेना पर उसके जलसीमा क्षेत्र में तमिलनाडु के सैकड़ों मछुआरों की मछली पकड़ने के दौरान हत्या करने का आरोप है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय उच्चायुक्त तरणजीत सिंह संधू ने मामले को श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के समक्ष उठाया। सूत्रों ने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना ने मामले में पूरी और गहन जांच का वादा किया है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने मारे गए मछुआरे के. ब्रिटसो के परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने और एक घायल मछुआरे को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री पलनीस्वामी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रीलंका की हिरासत से 85 मछुआरों और 128 नावों को मुक्त कराने की मांग को लेकर पत्र लिखे जाने के एक दिन बाद श्रीलंकाई नौसेना का भारतीय मछुआरों पर यह हमला हुआ।
पीएमके नेता अंबुमणि रामदॉस ने मंगलवार को श्रीलंकाई नौसेना के हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को इस तरह के हमले बर्दाश्त नहीं करने चाहिए और श्रीलंका को मित्रराष्ट्र मानना बंद किया जाना चाहिए। चेन्नई में रामदॉस ने कहा, “मछुआरों पर पहले श्रीलंकाई नौसेना ने ग्रेनेड से हमला किया और इसके बाद गोली चलाई गई जिसमें ब्रिट्सो की मौत हुई और एक अन्य मछुआरा घायल हो गया।”
उन्होंने कहा कि भारतीय मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना बीते 30 सालों से हमला कर रही है, जिसमें 800 से ज्यादा मछुआरों की मौत हुई है। रामदॉस ने कहा कि भारत और श्रीलंका के मंत्रियों के बीच सहमति बनी थी कि गलती से समुद्री सीमा पार करने वाले मछुआरों पर हमला नहीं किया जाएगा, बल्कि मानवीय तरीके से मामले को हल किया जाएगा। रामदॉस ने कहा कि लगता है कि श्रीलंका किसी भी समझौते का पालन नहीं करने पर उतारू है।

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