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चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने SBI की याचिका की खारिज, 12 मार्च तक डिटेल देने को कहा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई के दौरान एसबीआई को बड़ा झटका दिया। सभी दलालों के बावजूद एसबीआई से 12 मार्च यानी मंगलवार तक इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी डिटेल साझा करने का आदेश दिया। साथ ही चुनाव आयोग इस जानकारी को 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक करे।

इससे पहले एसबीआई ने एससी से इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था। बता दें कि 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए तुरंत रोक लगा दी थी। साथ ही एसबीआई से 2019 से अब तक जारी किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड की डिलेट चुनाव आयोग के साथ साझा करने का आदेश दिया था।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए। इस दौरान साल्वे ने शीर्ष कोर्ट को बताया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश के बाद एसबीआई ने नए इलेक्टोरल बॉन्ड्स जारी करने पर रोक लगा दी है। हालांकि समस्या ये है कि जो इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए गए हैं उस पूरी प्रक्रिया को पलटना होगा।

उन्होंने शीर्ष कोर्ट से कहा कि इसमें अभी समय लगेगा। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आप कह रहे हैं कि दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों की जानकारी सील कवर के साथ एसबीआई की मुंबई स्थित मुख्य शाखा में है और मैचिंग प्रक्रिया में समय लगेगा। सीजेआई ने कहा कि लेकिन हमने आपको मैचिंग करने के लिए कहा ही नहीं था और हमने सिर्फ स्पष्ट डिस्कलोजर मांगा था।

मामले की सुनवाई के दौरान संविधान पीठ के सदस्य जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा कि ‘आपने बताया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी एक सील कवर लिफाफे में रखी गई है तो ऐसे में आपको सिर्फ सील कवर खोलकर जानकारी देनी है।’ वहीं सीजेआई ने एसबीआई को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘हमने 15 फरवरी को आदेश दिया था और आज 11 मार्च है। ऐसे में बीते 26 दिनों में आपने क्या किया? उन्होंने कहा कि यह बताया जाना चाहिए कि यह काम हुआ है और अब हमें और समय चाहिए. हम एसबीआई से स्पष्टवादिता की उम्मीद करते हैं।

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