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उत्तराखंड में NEP के तहत छात्रों को दिया जाएगा और अधिक मौक़ा, नियम लागू

देहरादून। उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति (new education policy- NEP) के तहत छात्रों को अधिक से अधिक मौका देने पर निर्णय लिया गया है। पहले नियम के मुताबिक, 12वीं के बाद दो साल से अधिक का गैप होने पर रेगुलर स्नातक में दाखिले की अर्हता खत्म हो जाती थी, लेकिन अब यह नियम बदल दिया गया है।

अगर कोई छात्र 12वीं के बाद कुछ वर्षों तक स्नातक में प्रवेश नहीं ले पाता है तो वह कभी भी दाखिला ले सकेगा। राज्य सरकार ने NEP के तहत इसी साल से यह बदलाव किया है, जो सभी राज्य विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया गया है। इस हिसाब से स्नातक में वे छात्र भी रेगुलर कोर्स में दाखिला ले सकते हैं, जिन्होंने दो साल से अधिक समय पहले 12वीं पास किया है।

शासन स्तर पर सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली की अध्यक्षता में मई माह में बैठक हुई थी। इसमें नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को अधिक से अधिक मौका देने पर निर्णय लिया गया। पहले नियम के मुताबिक, 12वीं के बाद दो साल से अधिक का गैप होने पर रेगुलर स्नातक में दाखिले की अर्हता खत्म हो जाती थी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट के तहत इस नियम को बदला गया। तय किया गया है कि अब 12वीं के बाद गैप का नियम नहीं होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्र 12वीं के बाद दो साल से अधिक का गैप होने पर भी स्नातक में दाखिला ले सकेंगे। सभी विवि ने इसी साल से ये बदलाव लागू कर दिया है।

एक साथ दो डिग्री का भी मौका

राज्य सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों में एक ही समय में दो डिग्री करने का मौका भी दे दिया है। इसके लिए छात्र अगर राज्य के किसी भी विवि से कोई कोर्स रेगुलर मोड में कर रहा है तो दूसरा कोर्स उसे डिस्टेंस लर्निंग यानी मुक्त विवि से करना होगा। दोनों कोर्स की कक्षाओं का समय अलग-अलग होना जरूरी है। इसी साल से नई शिक्षा नीति के तहत ये भी छूट दे दी गई है।

 

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