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परंपरानुसार खुले केदारनाथ धाम के कपाट, बाबा के जयकारे से गूंज उठी देवभूमि  

रुद्रप्रयाग। विश्व प्रसिद्ध बाबा केदारनाथ धाम के कपाट आगामी छह महीने के लिए भक्तों के दर्शनार्थ आज खोल दिए गए हैं। इस अवसर पर दस हजार से अधिक भक्त मौजूद थे। मौसम खराब होने की वजह से सीएम पुष्कर सिंह धामी वहां नहीं पहुंच सके।

सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर खुले कपाट

पौराणिक परंपरा के अनुसार आज मंगलवार सुबह 6:15 मिनट पर मंदिर के मुख्य कपाट खोल दिए गए। इससे पूर्व सुबह तड़के केदार बाबा की पंचमुखी मूर्ति का श्रंगार किया गया, भोग लगाया गया व पूजा अर्चना की गई।

इसके पश्चात पंचमुखी डोली को मंदिर परिसर में लाया गया, सील बंद कपाट को प्रशासन मंदिर समिति की मौजूदगी में खोल दिया गया और भोले बाबा अपने धाम में विराजमान हो गए। कपाट खुलते ही केदारनाथ धाम भोले बाबा के जयकारों से गूंज उठा। इस अवसर पर केदारनाथ धाम में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे।

27 अप्रैल को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट

उधर, बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को सुबह 6:10 बजे खोले जाएंगे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और पुलिस अधीक्षक डा. विशाखा अशोक भदाणे धाम में कैंप किए हुए हैं। मौसम के मिजाज के चलते केदारनाथ यात्रा में चुनौतियां कम नहीं हैं।

आज शुरू हो जाएगी हेली सेवा

कपाट खुलने के साथ ही आज सुबह से ही केदारनाथ के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू हो गई। नौ एविएशन कंपनी केदारघाटी में जाखधार, शेरसी, फाटा, नारायणकोटि, जामू और सोनप्रयाग से हेली सेवा का संचालन करेंगी। सोमवार को विभिन्न हेलीपैड से धाम के लिए ट्रायल उड़ान भरी गईं।

यात्रियों की मुश्किलें आसान करेगा SDRF

केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) ने यात्रियों की सहायता के लिए पांच पड़ाव बनाए हैं। ये पड़ाव केदारनाथ, लिनचौली, सोनप्रयाग, अगस्त्यमुनि और रतूड़ा में बनाए गए हैं। हर पड़ाव में दो-दो दल तैनात किए गए हैं। ये दल एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव के बीच गश्त भी करेंगे।

विशेष रूप से सोनप्रयाग, लिनचौली व केदारनाथ पैदल मार्ग के बीच ये यात्रियों की सहायता को विशेष रूप से सक्रिय रहेंगे। इन दलों को बर्फ हटाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्नो रिमूवर समेत आधुनिक उपकरण दिए गए हैं। प्राथमिक उपचार के लिए पड़ाव स्थलों पर दवाओं की व्यवस्था भी की गई है।

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