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Gyanvapi Case : धार्मिक भावनाएं आहत करने पर नहीं होगी सुनवाई, अदालत ने मामला किया खारिज

ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग की जानकारी के बाद भी वहां वजूस्थल बनाकर हिंदुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव सहित सैकड़ों अज्ञात पर मुकदमा दर्ज करने की मांग संबंधी वाद को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्वोत्तमा नागेश वर्मा की अदालत ने सुनवाई के योग्य नहीं माना है। अदालत ने मंगलवार को वादी पक्ष पर सख्त टिप्पणी के साथ वाद को खारिज कर दिया।

वाद को खारिज करते हुए अदालत ने टिप्पणी की, कि ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में सिविल वाद और सर्वे के तथ्य अलग हैं। यह मामला संवेदनशील है और सिविल न्यायालय में विचाराधीन हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वादी ने संवेदनशील मुद्दे पर व्यक्तिगत रूप से अपना हित साधने और लाइम लाइट में बने रहने के लिए आवेदन दिया है। अदालत ने कहा कि यह कदापि उचित नहीं है।

वाद पोषणीय (सुनने योग्य) नहीं होने के कारण खारिज किया जाता है। प्रार्थी राजा आनंद ज्योति सिंह की ओर से विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में दिए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर मिले शिवलिंग की जानकारी होने के बाद भी वजू स्थल बनाया गया था। वहां गंदा पानी गिराए जाने के चलते हिंदू धर्मावलंबियों की धार्मिक भावना आहत हुई है।

पूजा की मांग पर सुनवाई पूरी
ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के राग, भोग, पूजन-अर्चन की मांग पर मंगलवार को जिला जज की अदालत में सुनवाई पूरी कर ली गई। राग, भोग के लिए अनुमति देने की याचना के लिए वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने करीब आधे घंटे तक दलीलें दीं। अदालत ने सुनवाई के बाद आदेश के लिये पत्रावली सुरक्षित कर ली। अब इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार है।

अयोध्या के संत जीयर स्वामी ने मंगलवार को केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में मंगलवार सुबह अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ज्ञानवापी नंदी का पूजन करने का हवाला देते हुए अनशन खत्म करने की अपील की, लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अपनी मांगों पर अड़े रहे।
अविमुक्तेश्वरानंद पिछले पांच दिन से अनशन पर हैं। अयोध्या से पधारे जीयर स्वामी और अविमुक्तेश्वरनंद के बीच करीब डेढ़ घंटे तक चली वार्ता बेनतीजा खत्म हुई। अनशन पर बैठे संत ने कहा कि जब तक ज्ञानवापी में पूजन-अर्चन नहीं कर लेते अनशन खत्म नहीं होगा।

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