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जानेंं रातों रात इंटरनेट सेंशेसन बने प्रदीप मेहरा के बारे में, जो सेना में भर्ती होने के लिए आधी रात को दौड़ते हैं 10 किमी

इंटरनेट की ताकत से रातों रात स्टार बन जाने वाले प्रदीप मेहरा के बारे में आज पूरा देश बात कर रहा है। हर कोई प्रदीप के बारे में जानना चाहता है कि आखिर 19 साल की उम्र में उनके अंदर ऐसा जज्बा आया कहां से, जिसके आगे किस्मत तक घुटने टेकने पर मजबूर हो जाए। दरअसल, फिल्ममेकर विनोद कापड़ी ने प्रदीप मेहरा का आधी रात को दौड़ते हुए का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला और रातोंरात इस वीडियो ने इंटरनेट पर सनसनी मचा दी। पिछले 24 घंटे में प्रदीप के पास लगातार लोगों के फोन आ रहे हैं और उन्हें मदद की बात कर रहे हैं, लेकिन ऐसे में हम आपको प्रदीप के बारे में सबकुछ बताते हैं कि आखिर वो कहां के रहने वाले हैं? कहां से पढ़े हैं? और कैसे नोएडा आए?

कौन हैं प्रदीप मेहरा?

आपको बता दें कि प्रदीप मेहरा वाला 19 साल का एक लड़का है, जो रातोंरात सोशल मीडिया के जरिए स्टार बन गया है। प्रदीप को इंडियन आर्मी में बतौर सिपाही भर्ती होना है और इसीलिए वो रात को जब मैकडोनाल्ड से घर लौटता है तो दौड़ लगाते हुए लौटता है। प्रदीप रोज 10 किमी की दौड़ लगाता है। वो रोज सेक्टर 16 से बरौला गांव अपने घर दौड़ लगाकर पहुंचता है।

अल्मोड़ा जिले के रहने वाले हैं प्रदीप

प्रदीप मेहरा उत्तराखंड में अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया गांव के रहने वाले हैं और यहीं के तड़ागताल इंटर कॉलेज से उन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की है। 12वीं करने के बाद प्रदीप को अपनी मां के इलाज के लिए नोएडा आना पड़ा। वो पिछले 7-8 महीने से नोएडा बरौला गांव में रह रहे हैं। यहां वो अपने बड़े भाई के साथ रहते हैं।

17 साल की उम्र में दी थी सेना की पहली भर्ती परीक्षा

आपको बता दें कि प्रदीप मेहरा ने 14-15 साल की उम्र में ही सेना में भर्ती होने का लक्ष्य रख लिया था। वो कहते हैं कि उन्हें आर्मी में बतौर सिपाही ही भर्ती होना है ताकि वो सीमा पर अपने देश के लिए लड़ सकें। प्रदीप का मानना है कि वो गुमनाम मौत नहीं मरना चाहते बल्कि वो शहीद होकर मरना चाहते हैं। प्रदीप ने करीब 17 साल की उम्र में पहली बार सेना भर्ती की परीक्षा दी थी, लेकिन वो दौड़ में पास नहीं हो पाए थे। तभी से उन्होंने ठान लिया कि उन्हें सेना में ही जाना है।

फौजियों से लगाव है प्रदीप का

अल्मोड़ा के रहने वाले प्रदीप बताते हैं कि उन्होंने बचपन से ही फौजियों के बारे में बहुत कुछ सुना और देखा है। अपने गांव में वो फौजियों को देखते हैं और उनके बारे में सुनते थे तो तभी से उन्होंने ठान लिया था कि मुझे सेना में ही जाना है। प्रदीप का कहना है कि एक फौजी जो अपने देश के लिए करता है, उससे उनको बहुत लगाव है और इसीलिए उन्हें बचपन से ही फौज का जुनून चढ़ गया था।

 

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