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उत्तर प्रदेश में हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी गई प्री-कॉशन डोज

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करते हुए हर जिले के नोडल अधिकारियों को उनके सम्बंधित जनपदों में तीन दिवसीय प्रवास पर भेजने के आदेश दिए हैं। ये नोडल अधिकारी जिलों में कोविड ट्रेसिंग, टेस्टिंग, टीकाकरण, अस्पतालों की व्यवस्था, गौशालाओं के प्रबंधन, रैन बसेरों के इंतजाम का निरीक्षण करेंगे। इन सभी व्‍यवस्‍थाओं में कोई भी कमी होने पर तत्‍काल प्रभाव से व्यवस्थाओं को दुरुस्त भी करेंगे।

सीएम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिलों में इंटीग्रेटेड कोविड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को 24×7 एक्टिव रखा जाए। पहले की तरह आईसीसीसी में विशेषज्ञ चिकित्सकों के पैनल की मौजूदगी में वहां नियमित बैठक का आयोजन किया जाए। प्रदेशवासियों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाए। आईसीसीसी हेल्पनंबर सार्वजनिक कर इसके प्रचार-प्रसार पर भी जोर देने के आदेश सीएम ने दिए हैं।

प्रदेश में हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स को दी गई प्री-कॉशन डोज

प्रदेश में सोमवार से हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ ही 60 वर्ष से ऊपर की आयु के को-मॉर्बीडिटी वाले नागरिकों को प्री-कॉशन डोज दी गई। प्रदेश में लगभग 10 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स व 10 लाख हेल्‍थकेयर वर्कर्स को ये बूस्टर डोज दी जाएगी। सोमवार को अब तक 27,972 को प्री-कॉशन डोज दी गई। निजी मेडिकल कॉलेज, सरकारी मेडिकल कॉलेज के हेल्थकेयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स, कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों के साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों में ड्यूटी पर तैनात होने वालों को भी बूस्टर डोज दी जाएगी।

निगरानी सम‍ितियों ने संभाला मोर्चा

निगरानी समितियों ने कोरोना काल में अहम भूमिका निभाई है ऐसे में तीसरी लहर को लेकर प्रदेश के हर जिले में निगरानी समितियों को सक्रिय किया जा रहा है। सीएम ने गांवों में प्रधान के नेतृत्व में और शहरी वार्डो में पार्षदों के नेतृत्व में निगरानी समितियां क्रियाशील करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं। देश में 75 हजार से अधिक निगरानी समितियों ने मोर्चा संभाल लिया है। जो घर-घर संपर्क कर बिना टीकाकरण वाले लोगों को चिन्हित कर रही हैं। ये निगरानी समिति‍यां इन लोगों की सूची तैयार कर जिला प्रशासन को दे रही हैं। सभी जिलों में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

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