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भारतीय वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा, भारत के कई राज्यों के चमगादड़ों में मिला कोरोना वायरस

भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों में इस बात की पुष्टि की गई है, घातक कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में अनुमान लगाया गया था कि यह चमगादड़ में पाया जाता है। देश के पांच राज्यों में चमगादड़ों में वायरस पाया गया है। चमगादड़ों की दो प्रजातियों पर अध्ययन के बाद यह बात सामने आई की दोनों प्रजातियों के 586 में से 25 चमगादड़ संक्रमित थे। हालांकि, यह अभी तक दुनिया में नोबल कोरोना वायरस नहीं है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) लैब तीन साल से चमगादड़ों का अध्ययन कर रही थी। इस बीच, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के साथ चमगादड़ के नमूनों की भी जांच शुरू कर दी है। कई चमगादड़ गले और मलाशय के नमूनों से संक्रमित पाए गए।

कोरोना वायरस

इनमें से दो आंतों और गुर्दे से भी संक्रमित थे। केरल में कुछ समय पहले ही निपाह वायरस चमगादड़ से आया था। इसीलिए उन राज्यों में नए संक्रमण का पता लगाने के लिए निरंतर निगरानी आवश्यक है जहां चमगादड़ अधिक पाए जाते हैं।

चमगादड़ की एक प्रजाति के लिए, केरल, चंडीगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, ओडिशा, पुदुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना से 508 नमूने एकत्र किए गए थे। दूसरी प्रजातियों के 78 चमगादड़ों के नमूने केरल, कर्नाटक, चंडीगढ़, गुजरात, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना से एकत्र किए गए थे। इस दौरान 12 की मौत हो गई।

वैज्ञानिक डॉ. आर बाला सुब्रह्मण्यम कहते हैं कि केरल के चमगादड़ों को अध्ययन में शामिल किया गया था। पुणे में उनके परीक्षण के बाद कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। बहुत समय पहले निपाह वायरस चमगादड़ों से भी आया था।

पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम के अनुसार, हमारे अध्ययन में शामिल कुछ चमगादड़ों में कोरोना वायरस पाया गया है। हालांकि यह इंसानों तक कैसे पहुंचा? वर्तमान में इस पर एक विस्तृत अध्ययन आवश्यक है।

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